129.03 लाख किसान हुए लाभान्वित, ये है असल वजह

MSP: रबी विपणन सत्र 2021-22 के लिए गेहूं की खरीद, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब इनके खरीद वालों राज्यों में पूरी हो चुकी है.

Farmers Income:

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IFPRI) के साउथ एशिया के पूर्व निदेशक और तीन कृषि अधिनियमों पर सुप्रीम कोर्ट पैनल के सदस्य पी के जोशी ने कहा कि कृषि से रिटर्न ग्रामीण आय के अनुरूप नहीं है क्योंकि खेत का आकार छोटा हो रहा है. गैर-कृषि क्षेत्र में आय के अवसर सीमित या नीचे जा रहे हैं.

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IFPRI) के साउथ एशिया के पूर्व निदेशक और तीन कृषि अधिनियमों पर सुप्रीम कोर्ट पैनल के सदस्य पी के जोशी ने कहा कि कृषि से रिटर्न ग्रामीण आय के अनुरूप नहीं है क्योंकि खेत का आकार छोटा हो रहा है. गैर-कृषि क्षेत्र में आय के अवसर सीमित या नीचे जा रहे हैं.

MSP: भारत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीदी से नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. इसी का नतीजा है कि गेहूं के साथ-साथ धान की खरीद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है. सरकार कोशिश कर रही है कि महामारी में किसानों को ज्यादा से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद कर फायदा पहुंचाया जाए. इसी के चलते लगभग 129.03 लाख किसान मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में एमएसपी मूल्यों पर हुए खरीद कार्यों से लाभान्वित हो चुके हैं. सरकार द्वारा उन्हें 1,64,951.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

अब तक की सर्वाधिक गेहूं की खरीद दर्ज

पिछले सत्रों की तरह ही वर्तमान रबी विपणन सत्र 2021-22 के लिए गेहूं की खरीद, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब इनके खरीद वालों राज्यों में पूरी हो चुकी है. 18 अगस्त 2021 तक 433.44 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है.

यह अब तक की खरीद का सबसे उच्चतम स्तर है, क्योंकि इसने रबी मार्केटिंग सीजन (आरएमएस) 2020-21 के पिछले उच्च स्तर 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के आंकड़े को पार कर लिया है.

आपको बता दें, पिछले साल इसी समान अवधि में 387.53 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. दूसरे शब्दों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष 11.81 प्रतिशत अधिक गेहूं की खरीद की गई.

अभी तक लगभग 49.20 लाख किसान मौजूदा रबी विपणन सत्र में एमएसपी मूल्यों पर हुई खरीद का फायदा ले चुके हैं. उन सभी किसानों को अब तक कुल 85,603.57 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

धान की खरीद भी उच्चतम स्तर पर पहुंची

वर्तमान खरीफ 2020-21 में धान की खरीद भी इसकी बिक्री वाले राज्यों में सुचारू रूप से जारी है. 23 अगस्त 2021 तक 873.68 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा जा चुका है.

आपको बता दें, इसमें खरीफ फसल का 707.59 लाख मीट्रिक टन और रबी फसल का 165.99 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है. वहीं पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 763.01 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था.

मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में लगभग 129.03 लाख किसानों को पहले ही एमएसपी मूल्य पर 1,64,951.77 करोड़ रुपये का भुगतान करके खरीद कार्य से लाभान्वित किया जा चुका है.

धान की खरीद भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है और इसने खरीफ विपणन सत्र 2019-20 के पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन के आंकड़े को पार कर लिया है.

मूल्य समर्थन योजना के तहत राज्यों को दी गई खरीद की मंजूरी

इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 109.58 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई थी.

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) को क्रय करने के लिए भी स्वीकृति दी गई है.

मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन, तिलहन और नारियल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर अन्य राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के लिए भी खरीद की मंजूरी दी जाएगी.

ताकि संबंधित राज्यों/केन्द्र–शासित प्रदेशों में फसल कटाई की अधिसूचित अवधि के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम बिकने पर केन्द्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा एमएसपी (MSP) पर सीधे किसानों से खरीदा जा सके.

गौरतलब है, अधिसूचित फसल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य द्वारा नामित खरीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियां, इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों पर मंजूरी देंगी.

इससे फायदा यह होगा कि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के खरीद की जा सके। ये फसलें फेयर एवरेज क्वालिटी (एफएक्यू) ग्रेड की होनी चाहिए.

दलहन और तिलहन की इतनी हुई खरीद

खरीफ 2020-21 और रबी 2021 के तहत 23 अगस्त 2021 तक सरकार द्वारा नोडल एजेंसियों के माध्यम से 11,91,926.47 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तुअर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है.

इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के 6,96,803 किसानों को 6,686.59 करोड़ रुपये की आय हुई है.

बारहमासी फसल की हुई इतनी खरीद

फसल सत्र 2020-21 के दौरान 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है.

इसके लिए 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. आपको बता दे, विपणन सत्र 2021-22 के लिए तमिलनाडु से 51,000 मीट्रिक टन खोपरा को खरीदने की मंजूरी दी गई है.

इन फसलों का राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तिथि से खरीद कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है.  23 अगस्त 2021 तक तमिलनाडु में 36 किसानों को लाभान्वित करते हुए 0.09 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य वाले 8.30 मीट्रिक टन खोपरा की खरीद की गई है.

संबंधित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें दलहन और तिलहन की आवक के आधार पर तय की गई तारीख से खरीद शुरू करने के लिए उचित व्यवस्था कर रही हैं.

Published - August 25, 2021, 03:06 IST