दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी में मिड टर्म में ज्यादा आर्थिक वृद्धि ना होने और कर्ज के बढ़ने से चीन के ग्रोथ पर असर पड़ा है. रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने मंगलवार को चीन (China) की सरकारी क्रेडिट रेटिंग पर अपना आउटलुक, स्थिर से कम करके नेगेटिव कर दिया है. इससे चीनी सरकार चिंता में पड़ गई है. दूसरी तरफ एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के लिए अच्छे संकेत दिए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और वित्त वर्ष 2026-27 में देश की जीडीपी वृद्धि सात फीसद तक पहुंचने का अनुमान है.
रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार पहले से कम हो रही आर्थिक वृद्धि और देश में प्रॉपर्टी सेक्टर में आ रही गिरावट से परेशान चीन के लिए यह एक बड़ा झटका है. यह मध्यम अवधि की आर्थिक वृद्धि से संबंधित बढ़ते जोखिमों को दर्शाता है. हालांकि एजेंसी ने चीन की ओवरऑल रेटिंग ‘ए1’ दी है. एजेंसी को उम्मीद है कि चीन का प्रॉपर्टी सेक्टर पूरी अर्थव्यवस्था के अनुपात में 2021 में शुरू हुए संपत्ति सुधार से पहले की तुलना में कम रहेगा. हालांकि चीन की वार्षिक जीडीपी वृद्धि 2024 और 2025 में 4 फीसद और 2026 से 2030 के बीच औसतन 3.8 फीसद रह सकती है.
रेटिंग एजेंसी ने चीन की A1 लॉन्ग टर्म लोकल और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को एफर्म किया है. मूडीज ने एक नोट में कहा कि नेगेटिव आउटलुक इस बात को दर्शाता है कि अधिकारियों को कर्ज में डूबी स्थानीय सरकारों और राज्य फर्मों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी. मूडीज के रिपोर्ट से चीन के वित्त मंत्रालय ने निराशा जताई है. मंत्रालय ने कहा कि अर्थव्यवस्था अपने रिबाउंड और पॉजिटिव रुझान को बनाए रखेगी. साथ ही प्रॉपर्टी और लोकल सरकार के रिस्क को नियंत्रित किया जा सकता है.