वित्तीय क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक मानसून सत्र में होंगे पेश

विनियोग विधेयक और वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अधिक मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक (वापसी) शामिल है.

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म्युचुअल फंड कंपाउंड इंटरेस्ट प्रिंसिपल पर काम करते हैं, जहां अर्जित ब्याज के साथ प्रिंसिपल अमाउंट को लगातार आधार पर जोड़ा जाता है

म्युचुअल फंड कंपाउंड इंटरेस्ट प्रिंसिपल पर काम करते हैं, जहां अर्जित ब्याज के साथ प्रिंसिपल अमाउंट को लगातार आधार पर जोड़ा जाता है

19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र में कुल 25 विधेयकों पर सदन में चर्चा हो सकती है. इनमें से वित्‍त विधेयकों समेत 17 नए विधेयक केंद्र सरकार की ओर से पेश किए जाएंगे. राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, दो वित्तीय बिलों के अलावा सत्र के दौरान 25 विधेयक आ सकते हैं. इनमें वर्ष 2020-21 के लिए पूरक अनुदान मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक और वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अधिक मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक (वापसी) शामिल है.

वित्तीय क्षेत्र से जुड़े बिलों की बात करें, तो इस सत्र में वित्त स्थायी समिति द्वारा जांचा गया फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक भी लोकसभा में आ सकता है. यह विधेयक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र (एमएसएमई) की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से सहयोग लेने की अनुमति देने के लिए है.

सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले 17 नए विधेयकों में दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश की मंजूरी का विधेयक भी शामिल है. यह संकटग्रस्‍त कॉर्पोरेट देनदारों के दिवाला समाधान प्रक्रिया में तेजी लाने और इसे बेहतर बनाने के प्रावधानों से जुड़ा है. इसके अलावा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) बिल भी आएगा, जो संस्थानों के तंत्र में सुधार और कामकाज में तेजी लाने के लिए है. लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (संशोधन) विधेयक के जरिये इसके 2008 के अधिनियम में संशोधन किया जाना है.

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक को 2019 और 2020 के केंद्रीय बजट में की पीएफ संबंधी घोषणाओं को लागू करने के लिए लाया जाएगा. इनमें  पीएफआरडीए को मजबूत करना, एनपीएस ट्रस्ट को पीएफआरडीए से अलग करना और यूनिवर्स पेंशन कवरेज सुनिश्चित करने जैसी बातें शामिल हैं.

मानसून सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले नए विधेयकों में डिपॉजिट इंश्‍योरेंस व क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (संशोधन) विधेयक को भी शामिल किया गया है. यह विधेयक डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 में संशोधन करने के लिए है. इसके अलावा भारतीय समुद्री मत्स्य विधेयक, पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (संशोधन) विधेयक, अंतर्देशीय पोत विधेयक, बिजली (संशोधन) विधेयक और व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक व विद्युत अधिनियम (संशोधन) बिल इस सत्र के दौरान पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध हैं.

Published - July 17, 2021, 01:56 IST