मार्च में फैक्ट्रियों का प्रोडक्‍शन 16 साल के उच्‍च स्‍तर पर, नौकरियां भी बढ़ीं

एचएसबीसी इंडिया मैन्‍यूफैक्‍चरिंग पीएमआई मार्च में 59.1 के स्‍तर पर पहुंच गया जो 16 साल का सबसे उच्‍च स्‍तर है.

मार्च में फैक्ट्रियों का प्रोडक्‍शन 16 साल के उच्‍च स्‍तर पर, नौकरियां भी बढ़ीं

Manufacturing PMI: मार्च में देश के मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में शानदार तेजी देखने को मिली. नए ऑर्डर में उछाल और उत्‍पादन में अच्‍छी बढ़ोतरी को देखते हुए कंपनियों ने हायरिंग भी बढ़ाई है. एचएसबीसी इंडिया मैन्‍यूफैक्‍चरिंग पीएमआई (HSBC India Manufacturing PMI) मार्च में 59.1 के स्‍तर पर पहुंच गया जो 16 साल का सबसे उच्‍च स्‍तर है. फरवरी में यह 56.9 के स्‍तर पर था.

मार्च 2024 के मैन्‍यूफैक्‍चरिंग पीएमआई का यह स्‍तर फरवरी 2008 के बाद सबसे अधिक है. भारत के फैक्ट्रियों के उत्‍पादन में लगातार 33वें महीने बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एचएसबीसी ने कहा है कि अक्‍टूबर 2020 के बाद उत्‍पादन और नए ऑर्डर्स में आई तेजी के कारण मैन्‍यूफैक्‍चरिंग पीएमआई में शानदार बढ़त देखने को मिली. बिक्री में सुधार के अनुमान को देखते हुए कंपनियों ने मार्च में अपने स्‍टॉक में इजाफा किया. कैपिटल गुड्स इस मामले में पहले स्थान पर रहा.

हालांकि, एचएसबीसी के सर्वे में कहा गया है कि एक तरफ जहां भारतीय कंपनियां कुछ चीजों को लेकर आशावादी दिखीं, वहीं महंगाई की चिंताओं के कारण उनकी धारणाएं 4 महीने के निम्‍न स्‍तर पर आ गईं. लागत का दवाब 4 महीने के उच्‍च स्‍तर पर आ गया. कंपनियों ने कॉटन, लोहा, मशीनरी टूल्‍स, प्‍लास्टिक और स्‍टील के लिए ज्‍यादा कीमत चुकाए.

एचएसबीसी की अर्थशास्‍त्री आईनेस लैम ने कहा कि मार्च में भारत की मैन्‍यूफैक्‍चरिंग पीएमआई बढ़कर 2008 के बाद सबसे अधिक हो गई. मैन्‍यूफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों ने नए ऑर्डर्स और मजबूत उत्‍पादन को देखते हुए हायरिंग भी बढ़ाई है. नौकरियों के सृजन की रफ्तार भले मार्च में थोड़ी धीमी रही हो लेकिन यह सितंबर 2023 के बाद सबसे बेहतर रही. मार्च में मिड-लेवल और फुल टाइम कर्मचारियों की हायरिंग में इजाफा देखा गया.

Published - April 2, 2024, 01:12 IST