उत्तर प्रदेश में मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत बड़े निवेश की तैयारी है. दरअसल यहां टाटा एयरबस का प्लांट लगेगा. जानकारी के अनुसार केंद्र से 22 हजार करोड़ रुपए की डील हो चुकी है. अब यूपी में टाटा समूह सैन्य विमानों का निर्माण करेगा. बता दें टाटा समूह देश की पहली निजी कंपनी होगी, जो मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत सैन्य विमानों का निर्माण करेगी. टाटा समूह अब तक इन सैन्य विमानों को हैदराबाद या बेंगलुरु में तैयार करने की योजना बना रहा था, लेकिन अब टाटा समूह इस योजना के लिए उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का भी रुख कर रहा है.
सैन्य परिवहन में इस्तेमाल होने वाले इन एयरबस को केंद्र सरकार ने अनुमति दे दी है. इस परियोजना के तहत इंडियन एयर फोर्स को 56 एयरबस मिलेंगे. केंद्र सरकार और टाटा समूह के साथ हुए करार के तहत स्पेन से 48 माह के अंदर 16 परिवहन विमान भारत आएगा. 60 दशक के बाद यह भारत का पहला यूरोपियन फर्म से रक्षा अनुबंध समझौता है. अगले 10 वर्षों में शेष 48 विमानों का निर्माण टाटा कंसोर्टियम कंपनी मेक इन इंडिया के तहत सैन्य विमानों का निर्माण करेगी.
केंद्र और टाटा ग्रुप में 6 साल पहले ही इस परियोजना पर सहमति बन गई थी. टाटा द्वारा तैयार किए जा रहे सी-295 एक बहु भूमिका परिवहन वाला विमान होगा. इस विमान से अधिकतम पे-लोड क्षमता 9.25 टन है. इस विमान की खासियत होगी कि यह छोटे रनवे वाले एयरपोर्ट पर भी आसानी से उतर व उड़ान भर सकता है. सभी 56 विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट के साथ स्थापित किए जाएंगे. यह परियोजना भारत में एयरो स्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी.
यह एयरक्राफ्ट, टाटा और एयरबस मिलकर भारत में बनाएगी. यह पहला मौका है जब मिलिट्री एविएशन से जुड़ा कोई कॉन्ट्रैक्ट देश की किसी निजी कंपनी को दिया गया है. इससे आने वाले वर्षों में देश में 6,000 से ज्यादा रोजगार पैदा होने की उम्मीद है. साथ ही इससे देश में एविएशन की अत्याधुनिक तकनीक आएगी.
देश में 2012 से ही 56 C295MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की दिशा में काम चल रहा है लेकिन इस साल फरवरी में यह मामला कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के पास पहुंचा था. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने नए मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खरीद को हरी झंडी दे दी है. माना जा रहा है कि 16 विमान एयरबस डिफेंस (स्पेन) से आयात किए जाएंगे जबकि बाकी विमान 10 साल में टाटा की फैसिलिटी में तैयार किए जाएंगे. यह भी कहा जा रहा है कि कोस्ट गार्ड और दूसरी एजेंसियां भी इस तरह के विमानों के लिए ऑर्डर दे सकती हैं जिससे इनकी मांग बढ़ने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक भारत में बने C295MW विमानों को निर्यात किया जा सकता है क्योंकि यह एक किफायती प्रोजेक्ट हो सकता है.