दिवाली से पहले भारत में नए रोजगार के क्षेत्र में बड़ा उछाल आया है. कोविड 19 के परिणामों से उबरते हुए जॉब मार्केट ने जबरदस्त बाउंस बैक किया है. व्यवसाय को लेकर नई उम्मीद, आर्थिक सुधार और बड़े पैमाने पर हुआ टीकाकरण इसके बड़े कारण माने जा रहे हैं. रिक्रूटमेंट फर्म और जॉब साइट्स के आधार पर आई एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि जॉब ओपनिंग एक नई ऊंचाई पर हैं. खासतौर से तकनीक के क्षेत्र में ऐसा कॉम्पिटिशन देखने को मिल रहा है जैसा पिछले कई सालों में नजर नहीं आया.
रैंडस्टैड इंडिया, एबीसी कंसल्टेंट्स, एंटल इंडिया, सीआईईएल एचआर, टीमलीज सर्विसेज जैसी फर्मों के अनुसार कोविड 19 से पहले की परिस्थितियों की तुलना में मैंडेट 15 से 25 प्रतिशत तक बढ़कर अपने टॉप पर पहुंच गया. रैंडस्टैड इंडिया में प्रोफेशनल सर्च एंड सिलेक्शन एंड स्ट्रैटेजिक अकाउंट्स के निदेशक संजय शेट्टी के अनुसार ऐसा उत्साह हमने पिछले बीस सालों में नहीं देखा.
टेक्नॉलॉजी और टेक से जुड़े सेक्टर सबसे ज्यादा डिमांड में हैं. इसकी वजह है कि पारंपरिक उद्योगों में डिजिटलाइजेशन तेजी से हो रहा है. वित्तीय सेवाओं और फिनटेक, रिटेल, लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स, हेल्थकेयर और फार्मा, कंज्यूमर और मैन्युफैक्चरिंग इन सभी सेक्टर में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है. 22 अक्टूबर को जॉब पोस्टिंग प्री-महामारी बेसलाइन (फरवरी 2020) से रिकॉर्ड 18% अधिक थी. इंडिड इंडिया के सेल्स हेड शशि कुमार ने इसका श्रेय कोविड 19 का असर कम होने और वैक्सीनेशन प्रोग्राम को दिया है. जिसकी वजह से जॉब्स में तेजी आई है. ज्यादा से ज्यादा लोग नौकरी ढूंढ रहे हैं या नौकरी की तलाश शुरू करने वाले हैं.
एबीसी कंसल्टेंट्स के प्रबंध निदेशक शिव अग्रवाल ने कहा कि कई फैक्टर्स हैं जो जॉब मार्केट में तेजी ला रहे हैं. अब उन कंपनियों में भी वर्कर्स की डिमांड देखी जा रही है जिन्होंने कोविड के चलते भर्तियों पर रोक लगा रखी थी. अग्रवाल ने आगे कहा कि नए निवेश हुए हैं, कंपनियों को अच्छा मुनाफा हुआ है, जिसके बाद हायरिंग की मांग बढ़ी है. महामारी के दौरान कंपनियों ने खुद को रिस्ट्रक्चर किया है. जिसके बाद जॉब्स की बाढ़ सी आई है. इस मामले में सितंबर और अक्टूबर अब तक के सबसे बेहतरीन महीने रहे हैं. उनके मुताबिक हायरिंग रश के चलते कई बार क्लाइंट्स की भी अनदेखी करनी पड़ी.
रिक्रूटमेंट फर्म एंटल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर जोसेफ देवासिया ने कहा कि मिड-लेवल हायरिंग में वर्तमान में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी जा रही है, इसके बाद लीडरशिप हायरिंग का नंबर है. साल 2008 में आई मंदी के बाद जॉब मार्केट में उछाल आया था. वैसा ही उछाल अब एक बार फिर नजर आ रहा है. टीमलीज सर्विसेज में मिड-लेवल हायरिंग में भी सबसे तेज उछाल देखा जा रहा है, जहां अगस्त में कुल हायरिंग गतिविधि में साल-दर-साल 89% की वृद्धि दर्ज की गई. टीमलीज सर्विसेज में मिड-लेवल हायरिंग में भी सबसे तेज उछाल देखा जा रहा है, जहां अगस्त में कुल हायरिंग गतिविधि में 89% की वृद्धि दर्ज की गई.
टीमलीज की को-फाउंडर रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि एक साल पहले की तुलना में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में हायरिंग गतिविधियों में जो उछाल आया है, वो सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन और आईटी के क्षेत्र में है. सीआईईएल एचआर सर्विसेज पिछले साल की तुलना में इस साल पचास प्रतिशत की वृद्धि देखी है. ये कोविड से पहले के समय की तुलना में भी 15 से 20 फीसदी ज्यादा है. कंपनी के सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा इस उछाल की वजह नए स्टार्टअप्स और आईटी कंपनियों की बदौलत मानते हैं. कंपनियों के डिजिटलाइजेशन की वजह से भी जॉब मार्केट में तेजी आई है.
एक्सिस बैंक ने नई स्किल्स, टेक्नॉलॉजी और कॉर्पोरेट कार्यक्षेत्र में नए लोगों को जोड़ा है. निजी बैंक के एचआर हेड राजकमल वेम्पति का कहना है कि हम इस दिशा में बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं. एडटेक यूनिकॉर्न एरुडिटस ने भारत में एक साल के भीतर इंस्ट्रक्शनल डिजाइन, मार्केटिंग और सेल्स में वर्तमान से दोगुने लोगों को जोड़ने की योजना तैयार की है. इसके सीईओ अश्विन दमेरा का कहना है कि अच्छे टैलेंट को हायर करना मुश्किल है पर अब हमारे पास इसके बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं.