महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को सरकार ने कुछ राहत दी है. केंद्र सरकार की ओर से खाद्य तेल पर से कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) को घटा दिया गया है. जिन खाद्य तेल पर से आयात शुल्क हटाया गया है उनमें सन फ्लॉवर ऑयल पर एग्री सेस आदि शामिल हैं. सरकार द्वारा आयात शुल्क को 6 महीने के लिए खत्म किया गया है. हालांकि सरकार की ओर से खाद्य तेल की कीमत कम करने की लगातार कोशिश की जा रही है. कुछ दिन पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट लागू करने का आदेश दिया था. ये लिमिट भी 31 मार्च तक लागू रहेंगी. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से प्रभावी होगी. खाद्य तेल संगठन एसईए ने बताया कि सितंबर में आयात 63% बढ़कर रिकॉर्ड 16.98 लाख टन पहुंच गया है .यह किसी भी एक महीने में हुआ अब तक का सबसे ज्यादा आयात है.
जानकारों का मानना है कि सरकार के इस फैसले के बाद खाद्य तेलों में 15 रुपये की कमी हो सकती है. फैसले के मुताबिक इस कटौती के बाद कच्चे पाम पर 8.25%, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर 5.5% प्रभावी सीमा शुल्क होगा. इसके अलावा सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलिन और पाम तेल की रिफाइंड किस्मों पर आयात शुल्क को 32.5% से घटाकर 17.5% कर दिया गया है.
सरकार ने खाद्य तेलों के दाम कम करने के लिए पिछले कुछ महीने में चौथी बार सीमा शुल्क में कटौती की है. पिछले महीने 11 सितंबर को भी पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क में कमी की गई थी. वहीं कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर भी आयात शुल्क 7.5% से घटाकर 2.5% किया गया था. बुधवार शुल्क में कटौती के बाद रिफाइंड पाम तेल के दाम 8-9 रुपये लीटर और सूरजमुखी व सोयाबीन तेल के दाम 12-15 रुपये लीटर तक नीचे आ जाएंगे. जानकारों की मानें तो पिछले एक साल में घरेलू बाजार में खाद्य तेल 46.15% महंगा हो चुका है. बता दें कि देश में कुल खाद्य तेल की खपत का 60% आयात करना पड़ता है.