वर्क फ्रॉम होम के इस युग में आपके लिए, आपका विश्वसनीय आईपैड (iPad) एक उपयोगी कंप्यूटर हो सकता है. आप इसका उपयोग वीडियो-कॉल मीटिंग्स में भाग लेने के लिए या यहां तक कि किसी क्लाइंट को एक विस्तृत ईमेल का मसौदा तैयार करने के लिए, या किसी प्रेजेंटेशन से पहले अपनी पॉवरपॉइंट फाइल को तुरंत देखने के लिए करते हैं. लेकिन जब टैक्स में छूट का दावा करने की बात आती है, तो चीजें जटिल हो सकती हैं क्योंकि कंप्यूटर की टैक्स की छूट दर सामान्य 15 फीसद के मुकाबले 60 फीसद है.
हाल ही में, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (Income Tax Appellate Tribunal) की अमृतसर बेंच ने एक मामले की सुनवाई करते हुए माना कि आईपैड एक संचार उपकरण है न कि कंप्यूटर डिवाइस. इस प्रकार इस फैसले ने आईपैड की कीमत में कटौती को प्रतिबंधित कर दिया. इस आदेश को एक बड़े टैक्स पोर्टल पर अपलोड किया गया है. जिसके बाद प्रोफेशनल्स के बीच एक नई बहस छिड़ गई है. ग्लोबव्यू एडवाइजर्स (Globalview Advisors) के संस्थापक अमेया कुंटे ने कहा कि भविष्य में मुकदमेबाजी से बचने के लिए, टैक्स के मूल्य दरों में कटौती को कोविड के बाद की दुनिया की वास्तविकता को देखते हुए संशोधित किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में आने वाली दिक्कतों से बचा जा सके.
कंप्यूटर शब्द को आयकर (आई-टी) अधिनियम के तहत परिभाषित नहीं किया गया है. हालाँकि, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) अधिनियम के तहत, ईमेल लिखने और भेजने और उत्तर प्राप्त करने का कार्य एक कंप्यूटर के रूप में किया जाता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण बेंच ने निष्कर्ष निकाला कि आईपैड कंप्यूटर या लैपटॉप का विकल्प नहीं है. एप्पल स्टोर भी आईपैड को कंप्यूटर डिवाइस के रूप में नहीं बेचते हैं बल्कि एक संचार या मनोरंजन डिवाइस के रूप में बेचते हैं.