मूडीज के अपग्रेड से भारतीय बाजार कर सकता अच्छा प्रदर्शन, लेकिन जोखिम बरकरार

Indian Markets: मूडीज ने इंडियन सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को संशोधित कर स्टेबल कर दिया. क्रेडिट रेटिंग को लोएस्ट इन्वेस्टमेंट ग्रेड Baa3 पर रखा.

Indian economy is coming back on track, industrial production reached the level before Covid

घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी को बताते हुए कहा गया है कि भारत का व्यापारिक आयात सितंबर में 56.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक मासिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि महीने के दौरान आयात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खासकर सोना, वनस्पति तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.

घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी को बताते हुए कहा गया है कि भारत का व्यापारिक आयात सितंबर में 56.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक मासिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि महीने के दौरान आयात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खासकर सोना, वनस्पति तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.
Indian Markets: भारत अन्य उभरते बाजारों से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. इसकी वजह मूडीज की ओर से इंडियन सॉवरेन रेटिंग आउटलुक का अपग्रेडेशन है. एनालिस्टों का मानना है कि आउटलुक के अपग्रेड होने से ग्लोबल इन्वेस्टर देश को अनुकूल दृष्टि (favourably) से देख रहे हैं. इसका भारत को फायदा मिलेगा. उन्होंने ये भी कहा कि महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेज उछाल ने इन्वेस्टमेंट सेंटिमेंट को सपोर्ट किया है. मिंट (Mint) ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है.

मंगलवार को मूडीज ने इंडियन सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग आउटलुक (India’s sovereign credit rating outlook) को संशोधित कर स्टेबल कर दिया. हालांकि, देश की क्रेडिट रेटिंग को लोएस्ट इन्वेस्टमेंट ग्रेड Baa3 पर बरकरार रखा गया.

वहीं मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक सहित 18 भारतीय कंपनियों और बैंकों के लिए रेटिंग आउटलुक को ‘निगेटिव’ से ‘स्टेबल’ कर दिया, जो कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग आउटलुक में किए गए बदलाव के अनुरूप है.

तेल की कीमतों से भारत की मैक्रो रिकवरी में लग सकती है सेंध

बुधवार को भारतीय शेयर पॉजिटिव खुले थे लेकिन दूसरे हाफ में मुनाफावसूली से गिरावट देखने को मिली. हालांकि गुरुवार को बाजार में एक बार फिर तेजी देखने को मिली.
विश्लेषकों का मानना है कि एक्सटर्नल ग्लोबल फैक्टर अभी भी बाजार पर असर डाल सकते हैं. क्वांटम एडवाइज़र्स के मुख्य निवेश अधिकारी अरविंद चारी ने कहा, ‘अगर तेल की कीमतें और बढ़ती हैं, तो यह भारत की मैक्रो रिकवरी में सेंध लगा सकती है.’
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित के अनुसार, मूडीज का आउटलुक रिवीजन इस बात को पुष्ट करता है कि फाइनेंशियल सेक्टर के लिए जोखिम अब कम है.

इंडियन इकोनॉमी के 7.3% की दर से बढ़ने का अनुमान

मूडीज ने FY22 में इंडियन इकोनॉमी के 7.3% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. FY21 में इसमें 7.3% का कॉन्ट्रेक्शन देखा गया था.
एक्सिस सिक्योरिटीज के क्वांटिटेटिव इक्विटी रिसर्च के प्रमुख नीरज चडावर (Neeraj Chadawar) ने कहा कि आउट का अपग्रेडेशन बाजार के लिए भावनात्मक रूप से सकारात्मक है और इससे इन्वेस्टमेंट डिमांड बढ़ेगी, जो आने वाले महीनों में फ्लो के टर्म्स में दिखाई देगी.
चडावर ने कहा कि बाजार के प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए अर्निंग मोमेंटम एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है.
Published - October 7, 2021, 05:11 IST