नए साल में भी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत

वहीं दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नए साल में आर्थिक वृद्धि दर में या तो गिरावट आ सकती है, या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है.

GDP growth of India

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GDP growth of India

भारत ने 2023 में वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थतियों का ‘निर्णायक’ तरीके से सामना किया और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘दर्जा’ कायम रखा. बढ़ती मांग, घटती महंगाई, स्थिर ब्याज दर परिदृश्य और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से 2023 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी रही.

दुनिया के विकसित देशों में व्यापक निराशावाद और बिगड़ती भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 6.1 फीसद रही. जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 फीसद की दर से बढ़ी, जबकि सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 फीसद रही.

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 फीसद रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है. इस तरह भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. यानी भारत इस मामले में चीन से आगे रहेगा.

आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के ताजा वृद्धि अनुमान के अनुसार, भारत 2023 में 6.3 फीसद की वृद्धि दर्ज करेगा, जो चीन और ब्राजील की वृद्धि दर क्रमशः 5.2 फीसद और तीन फीसद से कहीं अधिक है. ओईसीडी का अनुमान है कि 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 फीसद की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 4.7 फीसद रहेगी. हालांकि, भारत के संदर्भ में ओईसीडी के वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को कुछ कम माना जा रहा है.

वहीं दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नए साल में आर्थिक वृद्धि दर में या तो गिरावट आ सकती है, या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 में 3.5 फीसद से घटकर 2023 में तीन फीसद और 2024 में 2.9 फीसद रहने का अनुमान है.

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत की वृद्धि ने ‘‘कई बाहरी झटकों के बावजूद काफी जुझारू क्षमता दिखाई है.’’

उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर कौशल और संपत्ति से ‘लैस’ करने से 2024 और उससे आगे भारत अच्छी वृद्धि हासिल कर सकता है.

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भूराजनीतिक घटनाक्रम फिर से भारत की घरेलू मांग की मजबूती का परीक्षण करेगा.

Published - December 31, 2023, 01:12 IST