फाइनेंशियल इनक्लूजन के मोर्चे पर चीन से आगे निकला भारत: रिपोर्ट

Financial Inclusion: SBI की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में शुरू हुई प्रधानमंत्री जन धन योजनाके जरिए फाइनेंशियल इनक्लूजन को तेजी से बढ़ावा मिला है

india now ahead of china on financial inclusion front

अच्छे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और बैंक ब्रांचों की संख्या बढ़ने से इसमें मदद मिली है. इससे बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट मॉडल का सही से इस्तेमाल हुआ है

अच्छे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और बैंक ब्रांचों की संख्या बढ़ने से इसमें मदद मिली है. इससे बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट मॉडल का सही से इस्तेमाल हुआ है

फाइनेंशियल इनक्लूजन (सभी नागरिकों को वित्तीय सुविधाएं पहुंचाना) की एक मजबूत योजना आर्थिक विकास और बढ़ोतरी देती है. साथ ही गरीबी और आय में असमानता को घटाता है. SBI की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में शुरू हुई प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के जरिए देश में फाइनेंशियल इनक्लूजन को तेजी से बढ़ावा मिला है.

अच्छे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और बैंक ब्रांचों को दूर-दराज के इलाकों में खोलने से इसमें मदद मिली है. इससे बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट (BC) मॉडल का सही से इस्तेमाल हो पा रहा है.

खास बातें

  • साल 2015 से 2020 के बीच प्रति हजार व्यक्ति होने वाले मोबाइल और ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन की संख्या 183 से बढ़कर 13.615 पहुंच गई. यानी, सालाना 1,300 से अधिक की बढ़ोतरी हुई.
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 में प्रति एक लाख व्यक्ति 14.7 बैंक ब्रांच रहीं, जो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका से अधिक हैं.
  • SBI की रिसर्च के मुताबिक, जिन राज्यों में PMJDY के अधिक खाते खुले हैं, वहां क्राइम रेट तेजी से घटा है.
  • जहां PMJDY के खाते अधिक हैं, वहां धूम्रपान और शराब का सेवन भी गिरावट देखने को मिली है.
  • रिसर्च में यह भी बताया गया है कि बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट (जो माइक्रो-लेवल पर उद्यमी होते हैं) के जरिए भी फाइनेंशियल इनक्लूजन में सफलता मिली है.
Published - November 9, 2021, 07:27 IST