सरकारी ऑइल कंपनियों की इनकम आने वाले समय में बढ़ेगी: मूडीज

मार्केटिंग ऑपरेशंस से स्टेबल हुई इनकम ने पिछले 12-18 महीनों में रिफाइनरी सेगमेंट के कमजोर प्रदर्शन को दूर करने में मदद की है.

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फ्यूल की मांग में तेजी और रिफाइनिंग मार्जिन में धीरे-धीरे रिकवरी से इनकम भी बढ़ेगी pixabay

फ्यूल की मांग में तेजी और रिफाइनिंग मार्जिन में धीरे-धीरे रिकवरी से इनकम भी बढ़ेगी pixabay

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को कहा कि सरकारी ऑइल कंपनियों IOC, BPCL और HPCL की इनकम अगले 12-18 महीनों में बढ़ेगी क्योंकि महामारी प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील देने से इकोनॉमिक एक्टिविटी और फ्यूल की डिमांड बढ़ी है. जहां मार्केटिंग ऑपरेशंस की स्टेबल इनकम लो रिफाइनिंग मार्जिन को ऑफसेट करने में मदद करेगी, वहीं फयूल (Fuel) की बढ़ती डिमांड से रिफाइनरी में वृद्धि होगी.

कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद अप्रैल और मई 2020 में भारत में पेट्रोलियम प्रोडक्ट की मांग में भारी गिरावट आई है. इसकी वजह से 31 मार्च (FY21) को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर में अधिकांश रिफाइनर्स के लिए कैपेसिटी यूटिलाइजेशन में गिरावट आई. मूडीज ने कहा, फ्यूल की मांग में तेजी और रिफाइनिंग मार्जिन में धीरे-धीरे रिकवरी से इनकम भी बढ़ेगी.

प्रमुख तेल कंपनियों के लिए मूडीज का नजरिया पॉजिटिव

“भारत में थ्री रेटेड रिफाइनिंग और मार्केटिंग कंपनियों – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) की कमाई अगले 12-18 महीनों में पैनडेमिक रिस्ट्रिक्शन कम होने पर बढ़ेगी. रिस्ट्रिक्शन में धीरे-धीरे राहत से इकोनॉमिक एक्टिविटी और फ्यूल की डिमांड बढ़ेगी”

मार्केटिंग ऑपरेशंस की इनकम स्टेबिलिटी लो रिफाइनिंग मार्जिन को ऑफसेट करने में मदद करेगी, रेटिंग एजेंसी ने यह मुख्य रूप से भारत में फ्यूल रिटेलिंग इंडस्ट्री के ओलिगोपोलिस्टिक स्ट्रक्चर (कुलीन संरचना) की वजह से कहा, जहां IOC, BPCL और HPCL मिलकर 90% फ्यूल रिटेलिंग नेटवर्क को कंट्रोल करते हैं.

“मार्केटिंग ऑपरेशंस से स्टेबल इनकम ने पिछले 12-18 महीनों में रिफाइनरी सेगमेंट के कमजोर प्रदर्शन को दूर करने में मदद की है. “मार्केटिंग बिजनेस भारतीय कंपनियों के लिए उनके लार्ज स्केल पर फ्यूल रिटेलिंग नेटवर्क और मजबूत मार्केट पोजीशन के कारण कमाई का एक बड़ा कंट्रीब्यूटर बना रहेगा”

मूडीज ने कहा कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट की मजबूत डिमांड और इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए निवेश खर्च को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयासों के चलते तीनो रिफाइनर्स का कैपिटल खर्च बढ़ा रहेगा.

इस बीच, डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के गाइडलाइन के मुताबिक डिविडेंड ऐतिहासिक स्तरों के समान रहेगा.
साथ ही, तीनों कंपनियां सरकार के स्वामित्व में हैं, जो बिना किसी गंभीर प्रतिस्पर्धा के एक स्टेबल इंडस्ट्री एनवायरमेंट सुनिश्चित करती है.

Published - August 12, 2021, 08:39 IST