छंटनी के बुरे दौर में कैसे करें अपने पैसों का मैनेजमेंट?

अर्थव्यवस्था में सुस्ती के चलते कई कारोबारों पर खतरा है. बुरे दौर से गुजर रही कंपनियां या छंटनी कर रही हैं या इसकी तैयारी में हैं.

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32 साल की खुशाली पंडित, ऊर्जावान, साहसी, जोखिम उठाने वाली और ट्रैवल पसंद हैं.

32 साल की खुशाली पंडित, ऊर्जावान, साहसी, जोखिम उठाने वाली और ट्रैवल पसंद हैं.

32 साल की खुशाली पंडित, ऊर्जावान, साहसी, जोखिम उठाने वाली और ट्रैवल पसंद हैं. अपने व्यवहार से वो सामाजिक, खुशियां तलाशने वाली और दूसरों की मदद करने वाली हैं. वो बेहद दृढ़ संकल्प और मजूबत हौसलों वाली लड़की हैं.

लेकिन, कुछ महीनों पहले उसके साथ कुछ ऐसा हुआ, उसने उसकी जिंदगी को बदलकर रख दिया. ये महामारी के दौर की एक कड़वी तस्वीर है. कोरोना ने दुनिया में सबको कहीं न कहीं कैसे ना कैसे प्रभावित किया है. खुशी इसका अकेला शिकार नहीं हैं. उनकी नौकरी चली गई और फाइनेंशियल वो पूरी तरह टूट गईं. लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने मजूबत इरादों से सपनों को पूरा करने की ठानी.

उन कुछ महीनों में जहां कोई फिक्स इनकम नहीं थी, फ्रीलांस लेक्चर से भी उनके घर का खर्चा नहीं चल पा रहा था. उन्होंने बताया कि अपने इन्वेस्टमेंट प्लान में थोड़ा बदलाव और खर्चों में कटौती करके उन्होंने वो बुरा दौर काटा.

खुशी ने बताया कि “इस दौर की सबसे बुरी बात है कि ये महामारी कब तक चलेगी इसके बारे में किसी को पता नहीं है. जब मैं अपनी नौकरी गंवा चुकी थी, तो मैंने सबसे पहले इमरजेंसी फंड्स बनाने और फिक्स्ड डिपोजिट के लिए कोशिशें शुरू कीं.”

अप्रैल के महीने में तकदीर ने करवट ली और खुशी को अपने पसंद की नौकरी मिली. आज वे फिर नौकरी ज्वाइन कर चुकी हैं और टाटा मेमोरियल सेंटर के मैन्युफैक्चरिंग और क्वालिटी अश्योरेंस में एसोसिएट फेलो के रूप में काम कर रही हैं. ऐसा माना जाता है कि जहां इच्छा शक्ति होती है वहां रास्ता और रणनीति होती है.

आज हम में से कितने लोग खुद को खुशी की कहानी से जोड़ पाए? बीते एक साल के दौर को देखते हुए हम में से ज्यादातर लोग, और कुछ आज भी हर रोज इससे गुजर रहे हैं.

कई लोगों ने महामारी से हुई मौत के चलते अपने परिवारों को संभालने के लिए नौकरियां छोड़ दीं, जबकि कई लोगों को 15 साल के काम के बाद नौकरी में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. लगातार लॉकडाउन के चलते घटते रेवेन्यू के बाद कई कंपनियों ने अपने व्यापार को समेट लिया है. मालिकों के साथ साथ स्थितियां उनके कर्मचारियों की भी खराब हैं.

महामारी ने हमें सिखाया है कि हालात जैसे भी हों, कुछ चीजें हमारे हाथों से बाहर की होती हैं, उनको लेकर हम जितनी भी कोशिशें करें, हमारे नियंत्रण में वो नहीं होती हैं. खासकर जिसमें पैसों की बात शामिल होती हैं.

ऐसी स्थितियों में, खुद को मोटिवेटेड बनाए रखना बेहद कठिन काम है. इसके साथ ऐसे दौर में स्ट्रैटेजी बनाना और वित्तीय विपरीत हालातों से निपटना भी चुनौतीपूर्ण होता है.

खुशी यही कहना चाहती है. उसने हिम्मत जुटाई और अपने पोर्टफोलियो का अंदाजा लगाकर वित्तीय योजनाओं का समाधान निकालना शुरू किया, ताकि वो अपनी जिंदगी को चला सके.

खुशी ने बताया, “यह बहुत महत्वपूर्ण है और हमेशा रहेगा क्योंकि FD में पैसे बचाने की योजना ने आपात स्थिति में मेरी मदद की. SIP कीजिए या एफडी कराइए, किसी भी प्रकार की फाइनेंशियल प्लानिंग एक अच्छा फैसला है. खासकर उस दौर में जब हमें अगले पल क्या होगा उसके बारे में कुछ पता न हो.” खुशी ने 19 जुलाई 2021 में अपना जन्मदिन बनाया और खुद को एक साल और मैच्योर पाया. उसने याद किया कि इससे मतलब नहीं है कि आप कितने साल के हैं, चैलेंज कभी भी आपके सामने आ सकते हैं.

थोड़ी सी हिम्मत और अच्छी स्ट्रैटेजी आपको, खराब फाइनेंशियल दौर से निकाल सकती है. “इस अनुभव ने मुझे सिखाया कि आप किसी भी उम्र में सीख सकते हैं. फाइनेंशियल प्लानर की मदद लीजिए अगर जरूरत पड़े तो. खराब समय से उबरिए और खुद को मजबूत बनाइए.” खुशी ने याद किया कि उसने अपने कठिन वक्त से जो सीखा, आज उसी की बदौलत वो यहां खड़ी है.

अगर, व्यक्तिगत तौर पर, आप किसी खराब फाइेंशियल दौर से गुजर रहे हों या गुजर चुके हों. तो ये बेहद जरूरी है कि आपको पैसों का मैनेजमेंट आना चाहिए जब तक कि आप नई नौकरी या स्थाई कमाई न ढूंढ लें.

कोरोना की दूसरी लहर के बीच, बाजार में नौकरियों को लेकर स्थितियां अच्छी नहीं हैं. इस वक्त आपको कुछ चीजों के बारे में जान लेना जरूरी हैं, जो आपके आड़े वक्त में मददगार साबित होंगी.

खर्चों पर कटौती

वर्तमान हालात में चाहिए कि हम अपने गैर जरूरी खर्चों पर लगाम लगाएं. अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाएं और बेवजह के बड़े खर्चे न करें.

नौकरी जाने के दौर में एक एक पैसा मायने रखता है, इसलिए ऐसे में बजट तैयार करना एक कठिन काम साबित होता है. फालतू की खरीददारी से बचें और अपने खर्चों पर नजर बनाए रखें. आज कई ऐसी ऑनलाइन ऐप्स मौजूद हैं, जो आपको बजट बनाने में मदद करती हैं. जो आपकी जरूरत के हिसाब से आपकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करता है.

नए लोन लेने से बचें

जब कोई फिक्स कमाई न हो, ऐसे दौर में नया लोन लेना एक आत्मघाती फैसला साबित हो सकता है. नौकरियां जाने के इस दौर में बाजार में कई लोन ऑफर किए जा रहे हैं, जो एक दो क्लिक में आपको मिल जाएंगे. हमेशा, अपने दिमाग में रखें कि ऐसे लोन ज्यादा ब्याज दर पर बैंक द्वारा दिए जाते हैं, जिनके रि-पेमेंट में परेशानी होती है.

इसके साथ ही, EMI को न चुका पाने से क्रेडिट और सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है. जो भविष्य में जब आपको जरूरत होगी आपके लोन लेने की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है. मौजूदा जिम्मेदारियों को निपटाने के लिए पहले अपने निवेश के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करें.

बड़ी खरीददारी के फैसले को स्थगित कर दें

अगर कमाई लगातार नहीं आ रही है तो बड़े खर्चों को तत्काल रोक दें. आने वाले त्योहार के मौसम में काफी डिस्काउंट ऑफर मिलेंगे जो आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे. इसलिए अभी महंगे खर्चों पर रोक लगाएं.

तत्काल संतुष्टि आपके खर्चों में बड़ी भूमिका अदा करती है. खासकर कोरोना के इस कठिन दौर में आप पर ये खरीददारी भारी पड़ सकती है. अपने इमरजेंसी फंड से खरीददारी का फैसला न करें. बड़े खर्चों आगे के लिए टाल दें, जो आपकी जिंदगी में पर खासा असर डालने वाले हैं. क्योंकि इसके चलते आप कर्ज में फंस जाएंगे.

अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो की दोबारा वैल्यू लगाएं

ये मनी मैनेजमेंट का एक और क्रिटिकल पार्ट है, जब आप पहले से बेरोजगार हैं. निर्धारित करें कि क्या आप अपने निवेश का कुछ हिस्सा सस्पेंड कर सकते हैं या उस पैसे से अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, ज्यादातर म्यूचुअल फंड आपको तीन महीने के निवेश को स्थगित करने का विकल्प दे रहे हैं.

यह विकल्प आपको म्युचुअल फंडों को रिडीम किए बिना और किसी भी कमाई को जब्त किए बिना निवेश जारी रखने के लिए समर्थ बनाता है. अतिरिक्त, अपने कुल पोर्टफोलियो को इस तरह से तैयार करें जिससे आप आसानी से अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें. उन इंस्ट्रूमेंट्स से बचें जिनसे आप अपरिचित हैं और अगर जरूरी हो तो फाइनेंशियल प्लानर और मनी मैनेजमेंट फर्मों जैसी पेशेवर सहायता लें.

अपने इमरजेंसी फंड को लेकर ध्यान रखें

इमरजेंसी फंड बनाने का मुख्य लक्ष्य है कि आपातस्थिति में जीवन को सुचारू रूप से चलाया जा सके. जरूरत पड़ने पर फंड को बर्बाद करने से बचें और वापस स्थाई कमाई शुरू होने पर उसमें ज्यादा योगदान दें.

समय हमेशा उसके कुछ हिस्से का इस्तेमाल करें. उदाहरण के रूप में, अगर आप अपनी एफडी तुड़वा रहे हैं, तो अपने म्यूचुअल फंड्स को नहीं भुनाएं. अपना दिमाग खुला रखें और इमरजेंसी फंड का सूझबूझ के साथ इस्तेमाल करें.

आखिर में…

इन बातों का ख्याल रखकर आप खुद को फाइनेंशियल क्राइसिस से निपट सकते हैं. साथ ही जरूरी है कि आप अपने रिज्यूम को अपने साथियों और रिक्रूटर्स तक पहुंचाएं. समय के साथ अपनी स्किल्स को और बेहतर करें, जो आपको नौकरी दिलाने में मददगार साबित होगा.

Published - July 23, 2021, 09:19 IST