आज के समय में कौशल प्रशिक्षण जीवन को बदलने में कर रहा है मदद

बीटेक की डिग्री के लिए भी नामांकन किया है. जेट्टी कहती हैं, टाटा स्ट्राइव में प्रशिक्षण ज्ञान हासिल करने और नौकरी खोजने में बहुत उपयोगी साबित हुआ.

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जेट्टी ने टाटा स्ट्राइव में एक इलेक्ट्रीशियन के पाठ्यक्रम में दाखिला लिया, और नागोले में अपने घर से केंद्र तक प्रतिदिन 70 किमी की यात्रा करती थी

जेट्टी ने टाटा स्ट्राइव में एक इलेक्ट्रीशियन के पाठ्यक्रम में दाखिला लिया, और नागोले में अपने घर से केंद्र तक प्रतिदिन 70 किमी की यात्रा करती थी

टाटा ट्रस्ट्स की कौशल विकास पहल टाटा स्ट्राइव ने 2022 तक 10 लाख उम्मीदवारों तक इसका लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इस साल सितंबर तक 7.5 लाख लोगों को इससे लाभ मिला है. अलग-अलग संस्थानों द्वारा बनाई गई योजनाओं के कौशल प्रशिक्षण से युवाओं की ज़िंदगी आसान हुई है. इसका एक उदाहरण है एक ऑटो चालक की बेटी सिरीशा जेट्टी.

टाइम्स इंडिया की खबर की अनुसार, अच्छे प्रशिक्षण से सिरीशा जेट्टी के जीवन में काफी बदलाव आया. इस 19 वर्षीय बीटेक छात्रा का जीवन, संघर्ष और आत्मविश्वास से भरा था. जेट्टी परिवार को 2016 में एक वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा और उसके पिता की आय से घर का किराया तो दूर, गुजारा चलाने मुश्किल था. सिरीशा ने महसूस किया कि अगर उसे नौकरी ढूंढनी है तो उसे कुशल होने की जरूरत है. जेट्टी ने टाटा स्ट्राइव में एक इलेक्ट्रीशियन के पाठ्यक्रम में दाखिला लिया, और नागोले में अपने घर से केंद्र तक प्रतिदिन 70 किमी की यात्रा करती थी. प्रशिक्षण से उसने डोमेन के बारे में अच्छे से जाना, जिससे उनका इलेक्ट्रीशियन बनने का सपना सच हो गया.

फाइव स्टार होटल में मिला काम, वेतन 12 हजार रुपए प्रतिमाह

जानकारी की मुताबिक जेट्टी ताज कृष्णा (जो एक 5 स्टार होटल है) में एक सहायक इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करती हैं, जहां उसे वेतन के रुप में प्रति माह 12,000 रुपए मिलते हैं. इस राशि से वह अपने परिवार की आर्थिक मदद करने में सक्षम हो गई है. उसने बीटेक की डिग्री के लिए भी नामांकन किया है. जेट्टी कहती हैं, टाटा स्ट्राइव में प्रशिक्षण ज्ञान हासिल करने और नौकरी खोजने में बहुत उपयोगी साबित हुआ.

क्या कहती हैं टाटा स्ट्राइव की सीईओ अनीता राजन?

एक साक्षत्कार में टाटा स्ट्राइव की सीईओ अनीता राजन ने कहा, “हम युवाओं, खासकर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के साथ काम करते हैं और हम उन्हें आजीविका से जोड़ते हैं, साथ ही उन्हें नौकरी की तैयारी के लिए तकनीकी और डोमेन कौशल प्रदान करते हैं और कभी-कभी उन्हें उद्यमी बनने में भी मदद करते हैं.” जेट्टी के सफल प्रशिक्षण के बाद इसी तरह का एक और उदाहरण है सब्जी विक्रेता का बेटा साई प्रसाद नंदला. महिंद्रा प्राइड स्कूल के सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण ने उनके आत्मविश्वास के स्तर में सुधार किया और आज वे विप्रो में काम कर रहे हैं. महिंद्रा प्राइड स्कूल प्रशिक्षण में एक अनिवार्य सॉफ्ट स्किल मॉड्यूल शामिल है जो प्रशिक्षुओं को तैयार करने के लिए बोली जाने वाली अंग्रेजी, ग्रूमिंग और कंप्यूटर कौशल में योग्यता प्रदान करता है.

Published - November 6, 2021, 04:25 IST