पटरी पर लौट रहा रियल एस्टेट सेक्टर, प्रमुख 7 शहरों में घरों की बिक्री दो गुना बढ़ी

2021 की तीसरी तिमाही में सात शहरों में आवास की कीमतें 3% बढ़कर 5,760 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई, जो कि Q3, 2020 में 5,600 रुपये थी.

Housing sales jump over two-fold in Jul-Sepember Quarter

Pixabay - जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान सात प्रमुख शहरों में आवास की बिक्री दो गुना बढ़कर 62,800 यूनिट हो गई है.

Pixabay - जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान सात प्रमुख शहरों में आवास की बिक्री दो गुना बढ़कर 62,800 यूनिट हो गई है.

Housing Sales Jump over Two-Fold: रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से रिकवर हो रहा है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक के मुताबिक, होम लोन के रेट रिकॉर्ड-कम लेवल पर हैं, वर्क फ्रोम होम के कारण लोगों में अपना घर खरीदने का उत्साह पैदा हो रहा है और देश के अर्थतंत्र में सुधार की वजह से कई सेक्टर में नई नौकरियां खुलने से हाउसिंग की डिमांड बढ़ावा मिला है. एनारॉक के मुताबिक, कम मॉर्गेज दरों और IT/ITeS सेक्टर में हायरिंग की वजह से बेहतर मांग के चलते जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान सात प्रमुख शहरों में आवास की बिक्री दो गुना बढ़कर 62,800 यूनिट हो गई है. एक साल पहले की अवधि में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 29,520 यूनिट और पिछली तिमाही में 24,560 यूनिट थी.

एनारॉक द्वारा ट्रैक किए गए सात शहर दिल्ली-NCR, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे हैं. 2021 कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में सात शहरों में आवास की कीमतें 3% बढ़कर 5,760 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई, जो कि Q3, 2020 में 5,600 रुपये प्रति वर्ग फुट थी.

रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि हाउसिंग सेल्स बड़ी तेजी से कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर तक पहुंच जाएगा, क्योंकि दिवाली तक की फेस्टिव सीजन के दौरान में कई मकान बिकने की उम्मीद है. बिल्डर्स ने काफी अच्छे डिस्काउंट के ऑफर्स रखे हैं, वहीं बैंक भी फेस्टिव ऑफर्स के तहत कम रेट पर लोन और जीरो प्रोसेसिंग फी ऑफर कर रहे हैं.

एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “IT/ITeS सेक्टर के कारण टॉप-7 शहरों में आवास की मांग लगातार बढ़ना जारी हैं.” उन्होंने आवास की बिक्री में उछाल के लिए बेहतर नौकरी की सुरक्षा और IT/ITeS और वित्तीय क्षेत्रों में मजबूत भर्ती के साथ-साथ रिकॉर्ड-कम होम लोन ब्याज दरों और बढ़ती गृहस्वामी भावना को जिम्मेदार ठहराया. पुरी ने कहा, “मौजूदा WFH (वर्क फॉर होम) कल्चर के कारण समग्र आवास मांग बढी हैं और यूनिट साइज को प्रभावित करना जारी है.”

एनारॉक ने इससे पहले बताया था कि इन सात शहरों में 1.4 लाख करोड़ रुपये के 1.74 लाख मकानों का काम पूरी तरह ठप है. इसमें से 66 फीसदी मकान दिल्ली- NCR में हैं. एनारॉक ने कहा था कि उसने अपनी रिसर्च में उन्हीं हाउसिंग प्रोजेक्ट को शामिल किया है, जो 2014 में या उसके बाद शुरू हुए हैं. देशभर के सात शहरों में ठप और पेडिंग यूनिट्स की संख्या 6,28,630 हैं, जिनकी कीमत 5,05,415 करोड़ रुपये है. ये यूनिट्स दिल्ली- NCR, मुंबई महानगर क्षेत्र, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में हैं.

Published - September 29, 2021, 04:30 IST