image: pixabay, प्रतिबंधों में ढील, खपत में बढ़ोतरी और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि जैसे कारकों से वाइट और ब्लू कॉलर जॉब में तेजी से बढ़ोतरी होती है.
Hiring: नौकरी की तलाश करने वाले लोग अब अच्छे दिन आने की उम्मीद कर सकते हैं. आउटलुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंक इंडिया पिछले 15 महीने के मुकाबले में जुलाई से सितंबर के बीच सबसे ज्यादा संख्या में हायरिंग (Hiring) करने जा रही है. 21 अलग अलग क्षेत्रों में 700 छोटी बड़ी कंपनियों के सर्वेक्षण के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है. TeamLease Employment Outlook Report के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल 38 फीसद कंपनियों ने इस तिमाही अप्रैल-जून में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद भी पिछली तिमाही की तुलना में 34 फीसद अधिक कर्मचारियों की हायरिंग की है. कंपनियां सतर्क हैं लेकिन जैसे जैसे इस महामारी से बाहर निकल रहे हैं बेहतर भविष्य के लिए कंपनियां लोगों को हायर भी कर रही हैं.
अर्थशास्त्र के जानकारों के मुताबिक प्रतिबंधों में ढील, खपत में बढ़ोतरी और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि जैसे कारकों से वाइट और ब्लू कॉलर जॉब में तेजी से बढ़ोतरी होती है.
डालमिया सीमेंट के प्रबंध निदेशक महेंद्र सिंघी ने कहा कि बाजार के हालात अब तेजी से सुधर रहे हैं जिससे रोजगार में काफी सुधार हो रहा है.
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दिसंबर तक एक बड़ी आबादी के टीकाकरण होने की उम्मीद है, जिससे बहुत सारी आशंकाएं धीरे-धीरे दूर हो जाएंगी.
हीरानंदानी समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि सभी संकेतों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है.
कृषि अच्छा कर रही है, उपभोक्ता की मांग में तेजी आई है, वितरण नेटवर्क व्यवस्थित हो रहे हैं, उम्मीद है कि आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था में काफी बेहतर सुधार होगा.
कई बिजनेस और रोजगार एक्सपर्ट्स ने बताया कि टीकाकरण आर्थिक सुधार, व्यवसायों को बनाए रखने और योजनाओं को विकास पथ पर रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
जितनी तेज टीकाकरण की गति होगी उतनी जल्दी अर्थव्यवस्था और रोजगार के हालात सुधरेंगे. हर हाल में सरकार को तीसरी लहर को रोकने के लिए बेहतर बंदोबस्त करने होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स, आईटी, हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल्स, ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप्स, कृषि, शैक्षणिक सेवाओं, जरूरी रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर्स में रोजगार की सबसे ज्यादा संभावना है.
मार्च से मई के दौरान महामारी की गंभीर दूसरी लहर और टीकों तक पहुंच की कमी की वजह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने मंगलवार को इस वित्तीय वर्ष के लिए भारत के विकास के अनुमान दर को घटाकर 9.5 फीसद कर दिया है. पिछले साल विकास दर 12.5 फीसद थी.