देश की जमीन पर बड़े स्तर पर की जाएगी जड़ी-बूटियों की खेती, होगा मुनाफा

Farming: सरकार के इस कदम एक पंथ दो काज होंगे यानि इससे किसानों की आय में तो बढ़ोतरी होगी ही, साथ ही साथ हरित भारत का सपना भी साकार होगा.

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अमेरिका में अश्वगंधा तीसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद बन गया है

अमेरिका में अश्वगंधा तीसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद बन गया है

आयुष मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (नेशनल मेडीसिनल प्लांट्स बोर्ड-एनएमपीबी) ने आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में देशभर में जड़ी-बूटियों की खेती (Farming) को प्रोत्साहन देने हेतु एक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की है. सरकार के इस कदम एक पंथ दो काज होंगे यानि इससे किसानों की आय में तो बढ़ोतरी होगी ही, साथ ही साथ हरित भारत का सपना भी साकार होगा. इस अभियान के तहत, देशभर में अगले एक वर्ष में 75 हजार हेक्टेयर रकबे में जड़ी-बूटियों की खेती की जाएगी. बताना चाहेंगे कि इस कार्यक्रम की शुरूआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के पुणे से की गई है.

यह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का दूसरा कार्यक्रम रहा, जिसके अतंर्गत पुणे में किसानों को औषधीय पौधे बांटे गए. केवल इतना ही नहीं, जो लोग इस दिशा मे पहले से जड़ी-बूटियों की खेती (Farming) कर रहे हैं, उन्हें सम्मानित भी किया गया.

क्या है खेती करने का मकसद?

इस अवसर पर 75 किसानों को कुल मिलाकर 7,500 औषधीय पौधे वितरित किए गए. इसके अलावा 75 हजार पौधे वितरित करने का लक्ष्य भी तय किया गया है. इस संबंध में केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल ने कहा कि औषधीय पौधों के सिलसिले में देश की अपार क्षमता है और 75,000 हेक्टेयर रकबे में जड़ी-बूटियों की खेती से देश में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी. इस कदम से जड़ी-बूटियों की खेती किसानों की आय का बड़ा स्रोत बनेगी. दवाओं की उपलब्धता के मामले में देश भी आत्मनिर्भर होगा.

यहां किसानों को निशुल्क वितरित किए गए औषधीय पौधे

सहारनपुर में उत्तर प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धर्म सिंह सैनी, एनएमपीबी के अनुसंधान अधिकारी सुनील दत्त और आयुष मंत्रालय के अधिकारियों ने सम्बंधित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उत्तर प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धर्म सिंह सैनी ने जड़ी-बूटियों की खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया. आसपास के कई जिलों से आये 150 किसानों को औषधीय पौधे निशुल्क वितरित किए गए. पौधों की पांच प्रजातियां वितरित की गईं, जिनमें पारिजात, बेल, नीम, अश्वगंधा और जामुन के पौधे शामिल थे. किसानों को जामुन के 750 पौधे अलग से निशुल्क बांटे गए.

दुनिया में औषधीय पौधों की बढ़ी मांग

उल्लेखनीय है कि पिछले डेढ़ वर्षों में न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में औषधीय पौधों की मांग में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी देखने में आई है. यही कारण है कि अमेरिका में अश्वगंधा तीसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद बन गया है. इसके अलावा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रमों के तहत वाई-ब्रेक एप्प की शुरूआत, रोगों का उपचार करने वाली आयुष दवाओं का वितरण, ‘आयुष आपके द्वार’ तथा स्कूलों-कॉलेजों के छात्रों के लिये व्याख्यानमालाओं का आयोजन शामिल है. वाई-ब्रेक एप्प पर वेबीनार और व्याख्यानमाला का आयोजन पांच सितंबर को किया जाएगा.

Published - September 3, 2021, 11:29 IST