केदारनाथ (Kedarnath) धाम के यात्रियों के लिए हेली सेवाओं के लिए स्वीकृति मिल गयी है. डीजीसीए ने फिलहाल 9 हेली सेवाओं को केदारनाथ (Kedarnath) धाम के लिए स्वीकृति प्रदान की है. इससे यात्रियों को काफी सहूलियत हो रही है. श्रद्धालुओं की और से इसकी कई बार मांग की गई थी.
आपको बता दें, एक हेलीकॉप्टर एक दिन में केवल 24 यात्रियों को ही लेकर केदारनाथ धाम पहुंचेगा. सरकार की एसओपी के अनुसार एक दिन में केवल 800 के करीब तीर्थयात्री ही पंजीकरण के बाद केदारनाथ जाएंगे, लेकिन पंजीकरण के मुकाबले 40 फीसदी लोग ही धाम पहुंच रहे हैं.
यात्रियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार हाईकोर्ट का रुख कर चुकी है. सोमवार को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही नई गाइड लाइन जारी होगी. फिलहाल हेली सेवा से तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं। यात्री ऑनलाइन हेली बुकिंग कर सकते हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रही चार धाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 200 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया है. इसकी बदौलत चारों धामों के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है.
पर्यटन विभाग अब तक लगभग 15 हजार लोगों को 7 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है. यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराई जा रही है. यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसका असर धरातल पर दिखने लगा है.
पिछले सप्ताह गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने चार धाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया था. कोर्ट ने कहा था कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाए. चारधाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन कराना और सैनिटाइजेशन कराना सुनिश्चित किया जाए, साथ ही कोर्ट ने अधिकतम यात्रियों की सीमा भी तय कर दी थी. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी थी.
चार धाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को 72 घंटे पूर्व तक की कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा दोहरी वैक्सीन का प्रमाण पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा. साथ ही तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. न्यायालय ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है. भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.