कई वस्तुओं पर GST की दरों में हो सकता है बदलाव

GST: राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की अगली बैठक में कुछ अहम बदलाव होंगे.

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 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

GST: राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की अगली बैठक में कुछ अहम बदलाव होंगे. बजाज के मुताबिक काउंसिल कर-मुक्त (tax-exempt) वस्तुओं की सूची में कटौती कर सकती है. बहुत सी ऐसी वस्तुएं हैं जिनमें जीएसटी की दरों में बदलाव पर काउंसिल विचार करेगी, लेकिन पहले व्यवस्था को स्थिर बनाना बहुत जरूरी है. टैक्स स्थिरता के सभी सिद्धांत पर कायम रहते हुए काउंसिल इन मुद्दों पर विचार करेगी. सीआईआई (CII) के एक कार्यक्रम में राजस्व सचिव ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में जीएसटी परिषद की बैठक होने की उम्मीद है. बजाज के मुताबिक काउंसिल की मीटिंग की तारीख अभी तय नहीं हुई है. बजाज ने कहा कि सरकार की नीति एक स्थिर और अनुमानित टैक्स व्यवस्था देने की है.

टैक्स दरों में बदलाव पर विचार

उद्योग की शिकायत को स्वीकार करते हुए बजाज ने कहा कि ऑटोमोटिव क्षेत्र पर टैक्स दरें ज्यादा हैं, जिसमें बदलाव पर विचार करने की जरूरत है. बजाज के मुताबिक जीएसटी की ज्यादा दरें ऑटो वाहन क्षेत्र को भी प्रभावित कर रही हैं.

काउंसिल इन दरों को कम करने पर ध्यान देगी. इस कार्यक्रम में राजस्व सचिव ने प्राइवेट कंपनियों से और ज्यादा निवेश करने की अपील की.

कुछ सालों तक देना होगा ज्यादा टैक्स

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि हम फिलहाल टैक्स दरों में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं कर रहे हैं. हम मानते हैं कि मोटर वाहन क्षेत्र में टैक्स दरें ज्यादा हैं.

चार पहिया वाहनों पर न केवल 28 फीसद जीएसटी लगाया जाता है, बल्कि हम एक उपकर भी लेते हैं जो कि बहुत अधिक है. राजस्व सचिव बजाज के मुताबिक फिलहाल यह कुछ और वर्षों तक जारी रहेगा.

अगली काउंसिल-मीटिंग से बेहतर परिणाम की उम्मीद

बजाज के बयान से संकेत मिलता है कि कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दर को कम करने के लिए छूट की सूची को सीमित करना होगा.

कच्चे माल पर टैक्स की दरें कम करनी होगी. जीएसटी परिषद की बैठकों में इस पर लंबे समय से चर्चा हो रही है लेकिन इसे लागू नहीं किया गया है. बजाज ने कहा कि मुझे यकीन है जब आने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में हम यह एजेंडा देंगे तो इसका बेहतर परिणाम निकलेगा.

राजस्व सचिव ने कहा कि कॉर्पोरेट सेक्टर का प्रदर्शन काफी ज्यादा बेहतर रहा है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. इस क्षेत्र में 2021-22 में मजबूत टैक्स राजस्व की संभावना है.

Published - August 12, 2021, 03:04 IST