कर्मचारियों के लिए कैंटीन सेवाएं जीएसटी के दायरे से बाहर, इन्‍हें मिलेगी राहत

GST: कैंटीन पर जीएसटी और कंपनियों को उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट ने इससे पहले भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी.

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नोटिस पीरियड के दिनों में काम करने के लिये कंपनी आपको पैसे का भुगतान करती है तो अथॉरिटी फॉ़र एडवांस रुलिंग के मुताबिक इस रकम पर कंपनी को जीएसटी चुकाना होगा

नोटिस पीरियड के दिनों में काम करने के लिये कंपनी आपको पैसे का भुगतान करती है तो अथॉरिटी फॉ़र एडवांस रुलिंग के मुताबिक इस रकम पर कंपनी को जीएसटी चुकाना होगा

GST: कर्मचारियों से लिया गया कैंटीन शुल्क अब वस्तु और सेवा कर (GST Goods and Services Tax) के दायरे से बाहर आएगा. इससे बड़ी औद्योगिक और विनिर्माण इकाईयों को थोड़ी राहत मिलेगी. हाल के एक फैसले में गुजरात अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (Authority for Advance Rulings-AAR) ने कहा कि कर्मचारियों से कैंटीन चार्ज के रूप में ली जाने वाली राशि, जिसका भुगतान कैंटीन में सर्विस देने वाले को करते हैं उस पर जीएसटी नहीं लागू होगा.

कर विशेषज्ञों ने ईटी से कहा कि यह कई कंपनियों के बीच बहस का मुद्दा रहा है, जो मौजूदा कानून के तहत कैंटीन चलाती रही हैं. ज्यादातर मामलों में, कर्मियों से एक टोकन अमाउंट लिया जाता है.

एएआर ने फैसला सुनाया कि ऐसे मामलों में जहां कंपनी इस राशि पर कोई लाभ नहीं कमा रही है और केवल एक मध्यस्थता के रूप में कार्य कर रही है उन पर जीएसटी नहीं लगाया जा सकता है.

इससे पहले के दो एएआर के फैसलों में दो अलग-अलग अथॉरिटीज ने अलग फैसले सामने रखे थे.

इसके पहले भी लिए गए थे फैसले –

टाटा मोटर्स (Tata Motors) के मामले में एएआर ने फैसला सुनाया था कि ऐसी राशि पर जीएसटी लागू नहीं होगा. जबकि एमनील फार्मास्यूटिकल्स (Amneal pharmaceuticals) के मामले में फैसले में एक अलग राय रखी गई थी.

नांगिया एंडरसन इंडिया (Nangia Andersen india) के मैनेजिंग पार्टनर राकेश नांगिया ने कहा, कर्मचारियों के लिए कैंटीन सेवाओं का प्रावधान और उस पर जीएसटी भुगतान पूरे उद्योग में चर्चा का विषय रहा है, इस पर आवेदक के पक्ष और विपक्ष में कई फैसले सुनाए जा चुके हैं.

विभिन्न अथॉरिटीज से अलग-अलग राय देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (Central Board of Indirect Taxes and Customs) की ओर से इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है.

क्यों पैदा हुई भ्रम की स्थिति?

कैंटीन पर जीएसटी और कंपनियों को उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट ने इससे पहले भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी. सरकार ने साल 2018 में कहा था कि बैंक सुरक्षा कर्मियों द्वारा भुगतान किए गए जीवन बीमा प्रीमियम के इनपुट टैक्स क्रेडिट को ले सकते हैं, अस्पताल नर्सों द्वारा भुगतान किए गए चिकित्सा बीमा प्रीमियम के क्रेडिट को ले सकते हैं.

इसके अलावा कंपनियां मजदूरों से ली जाने वाली कैंटीन फीस के क्रेडिट को ले सकती हैं. इसके बावजूद सरकार की सफाई का यह मतलब था कि कुछ मामलों में कैंटीन शुल्क पर जीएसटी लगाया जा सकता है.

जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट एक ऐसा टैक्स है, जिसे करदाता खरीद पर भुगतान करता है और बाद में वस्तुओं/सेवाओं की बिक्री पर क्रेडिट का दावा करता है.

Published - October 21, 2021, 11:50 IST