वित्त वर्ष 2021-22 के पहले दो महीनों में होम लोन (loan) और गोल्ड लोन लेने में जहां इजाफा दर्ज किया गया, वहीं बैंक से पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. देश में लिए जाने वाले कुल लोन में 50 फीसदी हिस्सेदारी वाले होम लोन की संख्या 21 मई तक 0.2% यानि 14,62,029 करोड़ रुपए बढ़ी है. जबकि ज्वैलरी के बदले लिए जाने वाले लोन की तादाद में 2.3 फीसदी यानि 62101 करोड़ रुपए का इजाफा दर्ज किया गया है. ये तमाम जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बुलेटिन में प्रकाशित की हैं.
इस वित्त वर्ष में जारी नए डेटा के मुताबिक हाउसिंग सेक्टर में बीते कुछ महीनों से एक्टिविटी में इजाफा दर्ज किया गया है. कुछ सरकारों के स्टाम्प ड्यूटी घटाने के ऐलान और कोविड के चलते कम हुईं होम लोन की दरों के चलते घरों की बिक्री में न सिर्फ तेजी दर्ज की गई बल्कि डिमांड में भी इजाफा हुआ है.
इसी तरह, कोरोना की दूसरी लहर के बाद जिन लोगों की नौकरी गई या पैसों की किल्लत का सामना करना पड़ा, उन्होंने सोने को गिरवी रखकर लोन लेने वालों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया. ज्यादा गोल्ड की कीमतों के चलते गरीब तबके को मदद भी मिली.
21 मई 2021 के के डेटा के मुताबिक पर्सनल लोन लेने वालों में 0.9% यानि 27,85,265 करोड़ रुपए की कमी दर्ज की गई है. ये डेटा आरबीआई ने 26 मार्च को जारी किया था.
आरबीआई के डेटा को समझें तो अन्य पर्सनल लोन जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, फिक्स्ड डिपोजिट पर एडवांस, एडवांस शेयर और बॉन्ड्स पर इंडिविडुअल्स एडवांस, क्रेडिट कार्ड पर बकाया, एजुकेशन लोन, व्हीकल लोन और अन्य पर्सनल लोन जैसे प्रॉपर्टी पर लोन आदि में वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में गिरावट दर्ज हुई है.
हैरानी की बात है कि क्रेडिट कार्ड का बकाया भी 21 मई को 10.4% गिरकर 1,04,475 करोड़ रुपए हो गया, जो 26 मार्च, 2021 को 1,16,537 करोड़ रुपए था. अन्य पर्सनल लोन, जो बैंकों के लिए पर्सनल लोन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, उसमें भी 1.6% यानि 7,77,567 करोड़ रुपए की गिरावट दर्ज की गई है.
ज्यादा ब्याज वाले पर्सनल लोन में दर्ज हुई गिरावट के बाद से बैंक काफी सतर्क हो गए हैं. इसके साथ ही फिक्स्ड लोन पर एडवांस में भी 7 फीसदी यानि 66,510 करोड़ की गिरावट दर्ज हुई है.
अगर बात ऑटो लोन की करें तो पटरी पर लौटती बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाई में उसमें गिरावट दर्ज की गई है. ऑटो लोन की ग्रोथ में 0.6 फीसदी यानि 2,40,170 करोड़ की मामूली गिरावट हुई है. 21 मई, 2021 तक कुल ओवरऑल बैंक क्रेडिट 1.1% गिरकर 1,08,33,589 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है.
बैंकर्स के मुताबिक उम्मीद के विपरित लोन में दर्ज हुई गिरावट का असली कारण, कोरोना की घातक दूसरी लहर के बाद लोगों ने खरीददारी के फैसले को टाल दिया है. उनका मानना है कि दूसरी छमाई में लोन लेने वालों में इजाफा होने की उम्मीद है, इसके साथ ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार में इजाफा दर्ज होगा. हालांकि बैंकर्स इस बात को लेकर पूरी तरह सहमत है कि अगर तीसरी लहर आई तो उनकी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है.