एक सौ छत्तीस देशों के समूह ने बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कम से कम 15 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर दर लागू करने की ऐतिहासिक वैश्विक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते से कर नीति में बदलाव की संभावना है. इससे न सिर्फ न्यूनतम कॉर्पोरेट कर दर लागू होगी बल्कि कंपनियों को वहां भी कर का भुगतान करना होगा जहां वे संचालन कर रही हैं, न कि सिर्फ वहां जहां उनका मुख्यालय है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने कई वर्षों की असहमति के बाद इस महत्वपूर्ण समझौते की घोषणा की.
संगठन ने कहा कि एक सौ छत्तीस देशों ने इस समझौते के लिए सहमति दी है और इन देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 90 प्रतिशत से अधिक योगदान है. इस समझौते से विश्व की लगभग सौ सबसे बड़ी और सबसे अधिक लाभ कमाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों का 125 अरब डॉलर से अधिक का लाभ विश्व के अऩ्य देशों को स्थानांतरित होगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि ये कंपनियां कर के उचित अंश का भुगतान करेंगी जहां से संचालित होती हैं और लाभ कमाती है. नयी कॉर्पोरेट कर दर 2023 से लागू होगी.
अमरीका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन ने कहा कि एक मजबूत वैश्विक न्यूनतम कर लागू होने से अमरीकी श्रमिकों और करदाताओं को शेष विश्व के साथ काम करने का समान अवसर मिलेगा. उधर, ब्रिटेन के चांसलर ऋषि सुनक ने कहा कि इस समझौते से आधुनिक समय की वैश्विक कर प्रणाली में सुधार होगा.
जर्मनी के वित्त मंत्री ओलफ शोल्ज ने कहा कि हमने करों में और समानता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. वैश्विक कर संधि की प्रक्रिया में शामिल 140 देशों में से कीनिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान और श्रीलंका को छोड़कर 136 देशों ने समझौते का समर्थन किया.