एक्सपोर्टर्स के लिए बड़ी खबर, सरकार देगी 56,027 करोड़ रुपये का पेंडिंग टैक्स रिफंड

सरकार ने कहा कि वह अलग-अलग निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत पेंडिंग 56,027 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड एक्सपोर्टर्स (निर्यातकों) को जारी करेगी.

Govt to release Rs 56,027 crore in dues to exporters; move to benefit 45,000 traders

इसका इस्तेमाल विविध क्षेत्रों में होता है. कोविड-19 से संबंधित अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है

इसका इस्तेमाल विविध क्षेत्रों में होता है. कोविड-19 से संबंधित अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है

सरकार एक्सपोर्टर्स समुदाय को बड़ी राहत देने जा रही है. सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह अलग-अलग निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत पेंडिंग 56,027 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड एक्सपोर्टर्स (निर्यातकों) को जारी करेगी. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि यह राशि 45,000 से ज्यादा निर्यातकों को बांटी जाएगी जिनमें से लगभग 98% एमएसएमई श्रेणी के छोटे निर्यातक हैं. विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत जारी किया जा रहे 56,027 करोड़ रुपये, निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना (RODTEP) के तहत 12,454 करोड़ रुपये और राज्य-केंद्रीय लेवी और टैक्स (ROSCTL) योजना के तहत 6,946 करोड़ रुपये की छूट की घोषणा से अलग है.

सभी पुराने बकाए जारी किए जाएंगे

खबर के मुताबिक, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वास्तव में निर्यातकों के सभी पुराने बकाए जारी किए जाएंगे और उसके अलावा चालू वित्त वर्ष के भी 19,000 करोड़ रुपये उन्हें लौटाए जाएंगे. कुल मिलाकर करीब 75,000 करोड़ रुपये निर्यातकों को दिये जाएंगे. इससे हमारे निर्यातकों की नकदी की समस्या काफी हद तक दूर होगी.

किसको कितना बजट हुआ एलॉट

मंत्रालय के मुताबिक, 56,027 करोड़ रुपये की बकाया राशि विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन और छूट योजनाओं के तहत है. इनमें एमईआईएस योजना के 33,010 करोड़, एसईआईएस योजना के 10,002 करोड़, आरओएससीटीएल योजना के 5,286 करोड़ रुपये, आरओडीटीईपी योजना के 2,568 करोड़ और दूसरी योजनाएं जैसे टारगेट प्लस आदि के 4,831 करोड़ रुपये हैं.

निर्यातकों का कैश फ्लो बेहतर हो

गोयल ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के भीतर सभी लंबित निर्यात प्रोत्साहनों को पूरा करने के इस फैसले से आने वाले महीनों में निर्यातकों का कैश फ्लो बेहतर होगा और वह बढ़ती एक्सपोर्ट डिमांड को पूरा कर सकेंगे. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के दौरान 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में भी इससे मदद मिलेगी.

इसके अलावा सेवा क्षेत्र के यात्रा, पर्यटन और हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र से जुड़े निर्यातक भी वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए एसईआईएस लाभों का दावा करने में सक्षम होंगे, जिसके लिए 2,061 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

रोजगार बढ़ेंगे

वर्ष 2019-20 के लिए सर्विस कैटेगरी और दरों में किए गए बदलावों को अधिसूचित किया जा रहा है. इस समर्थन का कई गुणा बेहतर प्रभाव होगा और साथ ही रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा. निर्यातकों को पिछले सालों के जो भी उनके दावे हैं वह 31 दिसंबर 2021 तक दाखिल करने होंगे उसके बाद यह समय सीमा से बाहर हो जाएंगे.

Published - September 10, 2021, 07:59 IST