महंगाई से लोगों को राहत दे सरकार

एक आम आदमी के लिए अपने परिवार के लिए खाने-पीने का इंतजाम करना मुश्किल साबित हो रहा है. इलाज के खर्च ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है.

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रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

तेल, LPG और अब दूध- महामारी के वक्त में शायद ही कोई चीज ऐसी छूटी है जिसकी महंगाई के बोझ से जनता का दुख-दर्द बढ़ा न हो. हाल में अमूल (Amul) के दाम बढ़ाने के बाद मदर डेयरी (Mother Dairy) और गोकुल ने भी अपने दूध के दाम बढ़ा दिए हैं. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुए इजाफे के चलते खाने-पीने की तमाम चीजों के दाम बढ़े हैं. दुर्भाग्य से कंज्यूमर्स के लिए महंगाई का ये दौर हाल-फिलहाल में जाने वाला नहीं है.

कंपनियों ने कहा है कि उन्हें ओवरऑल इनपुट कॉस्ट में हुए इजाफे के चलते कीमतों में बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. लागत गुजरे एक साल में कई गुना बढ़ी है. दूसरी ओर, कोविड के चलते दूध के उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ा है.

एक आम आदमी के लिए ऐसे वक्त में अपने परिवार के लिए खाने-पीने का इंतजाम करना मुश्किल साबित हो रहा है. इलाज का खर्च जिस हिसाब से बढ़ा है उसने एक आम परिवार की कमर तोड़ दी है.

कोविड-19 महामारी ने लोगों की पूंजी और बचत को कम कर दिया है. इस महामारी की वजह से देश की एक बड़ी आबादी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है.

देश के सामने कोविड की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है और इस झटके से उबरने में अभी वक्त लगेगा. ऐसे में जमीनी स्तर पर राहत के आसार काफी कम जान पड़ रहे हैं.

महामारी की चिंताओं से घिरा हुआ एक और साल कई लोगों के लिए असहनीय साबित हो सकता है. ऐसे हालात में एक बड़ा तबका अपने जीवनयापन की भारी चुनौती का सामना कर रहा है.

ऐसे मुश्किल वक्त में आवश्यक चीजों के दाम कम रहना जरूरी है. सरकार को तत्काल पर सोचने की जरूरत है और उसे ऐसे कदम उठाने चाहिए ताकि कीमतों में और इजाफआ न हो.

कम आमदनी और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से पहले से जूझ रही देश की जनता को राहत दी जाने की जरूरत है.

Published - July 12, 2021, 11:12 IST