बैंकिंग प्रणाली में मौजूदा तंग लिक्विडिटी की स्थिति को कम करने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्र ने 9 मई को 40,000 करोड़ रुपए की सरकारी सिक्योरिटीज को बायबैक करने की योजना बनाई है. 2018 के बाद ऐसा पहली बार है जब सरकार बायबैक करेगी. ये जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को दी.
सरकार के इस अप्रत्याशित कदम से शॉर्ट टर्म सरकारी बॉन्डों पर यील्ड में कमी देखी जा रही है, क्योंकि सरकार ने जिन तीन सिक्योरिटीज को बायबैक के लिए चुना है, वे सभी छह से नौ महीने के अंदर मैच्योर हो रहे हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा कि बायबैक के लिए प्रस्तावित सिक्योरिटीज में 6.18% जीएस 2024, 9.15% जीएस 2024 और 6.89% जीएस 2025 हैं. ये 4 नवंबर, 14 नवंबर और 16 जनवरी को मैच्योर होंगी. सिक्योरिटीज के लिए नीलामी कई मूल्य पद्धति का उपयोग करके आयोजित की जाएगी.
9 मई को होगी नीलामी
सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है नीलामी 09 मई को सुबह 10:30 से 11:30 बजे के बीच आयोजित की जाएगी. इसे भारतीय रिजर्व बैंक कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (ई-कुबेर) प्रणाली पर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में पेश किया जाएगा. नीलामी का परिणाम उसी दिन घोषित किया जाएगा और निपटान 10 मई को होगा.
सरकार क्यों कर रही बायबैक?
सरकार के सॉवरेन बॉन्ड बायबैक का फैसला इसके अहम है क्योंकि केंद्र अपने बॉन्ड की वास्तविक मैच्योरिटी तारीखों से पहले बकाया ऋण का एक हिस्सा चुकाना चाहती है. चूंकि बायबैक से बैंकिंग प्रणाली में लिक्विडिटी बढ़ती है ऐसे में सरकार ने ये निर्णय लिया है. आंकड़ों के अनुसार 2 मई को करीब 78,481 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी की कमी है.