सरकार को आने वाले महीनों में 1.5 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह की उम्मीद

यह भी संभावना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनावों तक अन्य राज्यों में भी कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.

Goods and Services Tax, GST, Gst Council, tax-exempt, raw materials, revenue secretary, Tarun Bajaj, tax stability, current tax rate, four-wheelers, GST cess, financing states,

 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

आर्थिक गतिविधियों को देखते हुए सरकार को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मासिक वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. जिससे केंद्र और सभी राज्यों को राजस्व की स्थिति में मदद मिलेगी. इसका मतलब यह हुआ कि आने वाले महीनों का संग्रह अप्रैल में 1.4 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड संग्रह से अधिक होगा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण जून में जीएसटी संग्रह घटकर 92,900 करोड़ रुपए रह गया था. अक्टूबर में संग्रह (सितंबर बिक्री के लिए) 1.3 लाख करोड़ रुपए आंका गया है जो दूसरा सबसे बड़ा मासिक संग्रह है. एक सरकारी सूत्र ने कहा, खर्च बढ़ गया है, अक्टूबर और नवंबर के लिए संग्रह मजबूत रहने की उम्मीद है. इनडायरेक्ट टैक्स विंग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार के लिए अब समय आ गया है कि वह संग्रह को बढ़ाने के लिए अगले उपाय शुरू करे. इन सब बातों के अलावा दरों के युक्तिकरण को देखने के लिए मंत्रियों का एक समूह पहले ही स्थापित किया जा चुका है.

किन-किन स्लैबों का हो सकता है विलय?

अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि 5% स्लैब में कुछ वस्तुओं के लिए दरों में वृद्धि की आवश्यकता थी. इसके अलावा अधिकारियों ने सुझाव दिया कि केंद्र और राज्य स्तर पर वित्त मंत्रियों के लिए 12% और 18% स्लैब को विलय करने का समय आ गया है और मानक दर के रूप में 16-17% के लिए समझौता हो सकता है. वहीं दूसरी तरफ अतीत की बात करें तो राज्य के वित्त मंत्री सुधार योजना पर चर्चा करने से बचते रहे हैं और यह भी संभावना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनावों तक अन्य राज्यों में भी कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.

राजस्व की भरपाई के लिए सरकार ने क्या कदम उठाया?

हाल ही में केंद्र सरकार ने राजस्व की भरपाई को लेकर जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में राज्यों को 17 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं. इसके अलावा वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को 60 हजार करोड़ की क्षतिपूर्ति राशि जारी की गई. केंद्र सरकार ने चालू वित्तवर्ष में राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 2.59 लाख करोड़ रुपए की कमी का अनुमान लगाया है. इसमें से इस साल लगभग 1.59 लाख करोड़ रुपए उधार लेने होंगे.

Published - November 6, 2021, 04:35 IST