आने वाले दिनों में कार के इंजन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. दरअसल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि वह अगले तीन से चार महीने में एक आदेश जारी करेंगे. इस आदेश में सभी वाहन निर्माताओं को फ्लेक्स इंजन यानी वैकल्पिक ईंधन वाले इंजन के वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग को अनिवार्य किया जाएगा. करीब दो साल से नितिन गडकरी कार कंपनियों से फ्लेक्स इंजन बनाने की अपील कर रहे थे लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया गया था. अब पहली बार इस तरह के इंजन के लिए आदेश जारी किया जाएगा.
गडकरी ने पिछले दिनों बताया था कि वैकल्पिक ईंधन इथेनॉल की कीमत 60-62 रुपए प्रति लीटर है जबकि देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है. इसलिए इथेनॉल के इस्तेमाल से देश के लोग 30-35 रुपए प्रति लीटर की बचत करेंगे. उन्होंने कहा, “मैं परिवहन मंत्री हूं, मैं उद्योग के लिए आदेश जारी करने जा रहा हूं कि केवल पेट्रोल से चलने वाले इंजन नहीं होंगे, हमारे पास फ्लेक्स-फ्यूल इंजन होंगे. लोगों के पास विकल्प होगा कि वे 100 प्रतिशत कच्चा तेल या 100 प्रतिशत इथेनॉल में किसका इस्तेमाल करें.”
नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “मैं 3 से 4 महीने में कंपनियों के लिए आदेश जारी करूंगा और हम इसे (फ्लेक्स-फ्यूल इंजन) ऑटोमोबिल उद्योग के लिए अनिवार्य कर देंगे.” उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में ऑटोमोबिल कंपनियां फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का उत्पादन कर रही हैं जिससे ग्राहकों को 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत जैव-इथेनॉल के इस्तेमाल का विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है.
क्या होता है फ्लेक्स फ्यूल इंजन
ये वो इंजन होते हैं जिसमें पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का भी प्रयोग किया जा सकता है. मौजूदा समय में, भारत में पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल के मिश्रण की इजाजत है. हालांकि, इंजन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. अब अगर इथेनॉल की मात्रा बढ़ाई जाती है तो इंजन में भी जरूरी मॉडिफिकेशन करना होगा. यही वजह है कि नितिन गडकरी कार कंपनियों से इंजन में बदलाव करने को कह रहे हैं.
ई-वाहनों को मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स
गडकरी का यह भी मानना है कि भारत इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम में अच्छी रफ्तार हासिल कर रहा है. उन्होंने कहा, “देश में बैटरी से चलने वाले छोटे इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे ई-स्कूटर, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, ई-रिक्शा, ई-कार्ट और ई-बाइक के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.”
गडकरी ने आगे कहा कि सड़क मंत्रालय ग्रीन हाइड्रोजन पर लंबे समय तक चलने वाली इंटरसिटी बसें चलाने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा, “बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन और फ्यूल सेल व्हीकल टेक्नोलॉजी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और देश में 2050 तक जीवाश्म (पेट्रोल-डीजल) से चलने वाली मोटर वाहन से आगे निकलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.”