Import Duty: अटलांटिक सैल्मन और हेज़लनट्स से लेकर ड्यूरियन और मीठे बिस्कुटों तक सरकार ने देश में आयात होने वाले 97 उत्पादों पर लागू सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) राहत और छूट वापस लेने का प्रस्ताव किया है. केंद्र सरकार की ओर से उठाया जाने वाला यह कदम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि बेहतर संतुलन के लिए कुछ पुरानी सीमा शुल्क छूट को समाप्त किया जा सकता है. इसी के मद्देनजर अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने लोगों के विचार जानने के लिए संबंधित वस्तुओं की एक सूची जारी की है. इसपर अगले एक महीने में फीडबैक देने को कहा गया है.
शुल्क राहत खत्म किए जाने संबंधी सूची में विभिन्न प्रकार के उत्पादों को शामिल किया गया है. इसमें कुछ सामान्य दवाएं और बुनियादी दवाएं, गर्भनिरोधक, तिलहन, और फूलों और सब्जियों के बीज, कपड़े और कुछ अन्य तरह की चीजें शामिल हैं. इसके अलावा कपड़ा उद्योग बिजली, तेल और गैस और इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाली कई प्रकार की मशीनरी और सामानों के भी इसके दायरे में आने की उम्मीद है, क्योंकि इन उत्पादों पर आयात शुल्क में राहत दी गई थी. सरकार को पिछले कुछ सालों में शुल्क बढ़ाने जाने को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी है. हालांकि ताजा सूची में शामिल चीजों के बारे में अधिकारियों का कहना है कि इन पर आयात शुल्क में राहत का कोई औचित्य नहीं है.
कई तरह की आयातित वस्तुओं पर शुल्क राहत खत्म करने को लेकर वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था “… पिछले साल, हमने 80 पुरानी छूटों को समाप्त करते हुए, सीमा शुल्क ढांचे में बदलाव करना शुरू किया… अब मैं इस साल 400 से अधिक पुरानी छूटों की समीक्षा करने का प्रस्ताव करती हूं। हम व्यापक परामर्श के जरिये इसे अमल में लाएंगे और 1 अक्टूबर, 2021 से हम देश में एक दोषमुक्त संशोधित सीमा शुल्क ढांचा लागू करेंगे। मैं यह भी प्रस्ताव करती हूं कि अब से किसी भी नई सीमा शुल्क छूट की वैधता इसके जारी होने की तारीख से दो साल बाद 31 मार्च तक रहेगी, ”
सरकार द्वारा आयात शुल्क में दी गई छूट खत्म करने के कदम से घरेलू बाजार में सूची में शामिल इन चीजों की कीमतें बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि आयात महंगा होने से उनकी लागत में बढ़ोतरी होगी. हालांकि सरकार के इस कदम से देश में इन वस्तुओं के उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा. यह घरेलू उद्योगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा.