सरकार को इस फाइनेंशियल ईयर में टैक्स से अच्छी कमाई की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी और गैर-जीएसटी) राजस्व संग्रह 3.11 लाख करोड़ रुपये था.

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 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन के सहारे सरकार चालू वित्त वर्ष में ‘बहुत मजबूत’ कर राजस्व की उम्मीद कर रही है. यह मानते हुए कि, जीएसटी (GST) की ऊंची दरें मोटर वाहन क्षेत्र को प्रभावित कर रही हैं, बजाज ने कहा कि जीएसटी (GST) परिषद उन दरों को कम करने के लिए समाधान पर ध्यान देगी जो बहुत अधिक हैं, कर-मुक्त श्रेणी से कुछ वस्तुओं को बाहर निकालेगी और उल्टी शुल्क संरचना को ठीक करेगी.

उन्होंने सीआईआई के एक वार्षिक सत्र में यहां कहा, ‘जब मैं वर्तमान पहली तिमाही को देखता हूं, तो परिणाम आने शुरू हो गए हैं और (कर) राजस्व भी आने लगे हैं. पहला अग्रिम कर समाप्त हो गया है, टीडीएस की तारीख आ रही है और जा रही है, मुझे एक बहुत ही मजबूत कर राजस्व आते दिखाई दे रहा है.’

बजाज ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हमने करों में वृद्धि की है, या हम अधिक दखल दे रहे हैं और हम आपसे अधिक करों का भुगतान करने के लिए कह रहे हैं … इस चीज के पीछे अच्छी बात यह है कि शायद कॉरपोरेट क्षेत्र हमारी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसलिए यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छी बात है.’

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 2.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष (2020-21) की इसी अवधि के दौरान 1.17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह हुआ था. चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी और गैर-जीएसटी) राजस्व संग्रह 3.11 लाख करोड़ रुपये था.

तिमाही के दौरान शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जो पूरे 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए 6.30 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान का 26.6 प्रतिशत है. शुद्ध जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी, एकीकृत जीएसटी और मुआवजा उपकर शामिल हैं.

बजाज ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में कहा कि ऐसी बहुत सी वस्तुएं हैं जिन पर कर दरों में बदलाव की जरूरत हो सकती है, लेकिन पहले व्यवस्था को स्थिर करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘कर दरों पर, जब आप मोटर वाहन क्षेत्र की बात करते हैं तो मैं काफी सहमत हूं. आप दोपहिया वाहनों के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन मैं कहूंगा कि चार पहिया वाहनों पर हम न केवल 28 प्रतिशत कर लगाते हैं, बल्कि उपकर भी लेते हैं जो कि बहुत अधिक है और जैसा कि मैं देख रहा हूं, यह कुछ और वर्षों तक जारी रहेगा.

राजस्व सचिव ने कहा, ‘इन सबका उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. मैं इसे स्वीकार करता हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि इस समस्या का कैसे हल किया जाए.’

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि जीएसटी दरों में मैक्रो (स्थूल) स्तर पर कमी आई है, लेकिन बहुत ऊंची उन दरों को कम करने के लिए हल पेश करने जरूरत है जो बहुत अधिक हैं.

बजाज ने साथ ही निजी कंपनियों से और निवेश करने की अपील की और कहा कि इन कंपनियों को बताना चाहिए कि वे सरकार से क्या सहयोग चाहती हैं.

Published - August 11, 2021, 04:04 IST