Recruitment News 2021: एक नेशनल सर्वे के अनुसार, आगामी दिसंबर तिमाही में रोजगार में एक मजबूत सुधार देखे जाने का अनुमान है. एम्प्लॉयर पिछले सात सालों में सबसे अच्छी हायरिंग की उम्मीद कर रहे हैं. महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों में ढील मिलने के बाद इस हायरिंग के जरिए प्रोडक्ट और सर्विस की मांग बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. नवीनतम मैनपावरग्रुप एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे में शामिल 3046 एम्प्लॉयर में से लगभग 64 फीसदी ने कहा कि वे इस तिमाही में अधिक लोगों को नियुक्त करेंगे. लगभग 20 फीसदी ने कार्यबल (workforce) में कम परिवर्तन की उम्मीद की और 15 फीसदी ने कोई बदलाव नहीं होने की बात कही. पिछली तिमाही में 44 फीसदी की तुलना में केवल 1 फीसदी ही काम पर रखने के बारे कन्फर्म नहीं थे.
पिछली तिमाही में 7 फीसदी की तुलना में, कर्मचारियों की संख्या में गिरावट और हेड काउंट या हायरिंग की संख्या में गिरावट की उम्मीद करने वालों के बीच का अंतर 44 फीसदी है. एक साल पहले इसी तिमाही की तुलना में हायरिंग सेंटिमेंट में 40 फीसदी अंक का सुधार हुआ है. जुलाई-सितंबर 2014 में शुद्ध रोजगार दृष्टिकोण 48 फीसदी था. सभी क्षेत्रों में बेहतर रोजगार के विकल्प जल्द ही लोगों को मिलने की उम्मीद है. आने वाली तिमाही के दौरान तकरीबन सभी उद्योग क्षेत्रों के लिए पेरोल में वृद्धि का अनुमान है, सर्विस सेक्टर में 50 फीसदी, विनिर्माण में 43 फीसदी, फाइनेंस, बीमा और रियल एस्टेट में 42 फीसदी बढ़ोतरी के साथ रोजगार में एक मजबूत सुधार की उम्मीद है.
रीजन के हिसाब से देखें तो देश के वेस्ट रीजन में सबसे ज्यादा 49 फीसदी रोजगार की संभावना है. इसके बाद ईस्ट रीजन और नॉर्थ रीजन में क्रमशः 45 फीसदी और 43 फीसदी और साउथ रीजन में 37 फीसदी रोजगार मिलने की संभावना है.
मैनपावरग्रुप इंडिया के डायरेक्टर संदीप गुलाटी ने कहा कि कुल मिलाकर बाजार में तेजी से सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है. त्योहारों की शुरुआत, वैक्सीनेशन, सरकार द्वारा लोगों की आवाजाही के छूट में वृद्धि की संभावना ये सभी कारक हैं जो भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र को आशावाद की ओर ले जा रहे हैं.
गुलाटी ने कहा कि भर्ती में एकतरफा बढ़ोतरी की संभावना से अब इंकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि संभावित तीसरी लहर की आशंका और निरंतर प्रतिभा की कमी हो रही है जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोविड -19 प्रभाव और प्रतिभा की कमी पर मैनपावर रिपोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में कई कंपनियां जो लोगों को काम पर रख रही हैं, अपेक्षित कौशल की कमी के कारण प्रतिभा के साथ नौकरी प्रोफाइल का मिलान करने में असमर्थ हैं. तकरीबन 62 फीसदी कंपनियों के मुताबिक उन्हें इस मोर्चे पर कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि 27 फीसदी ने कहा कि उन्हें भूमिका निभाने में ज्यादा दिक्कत आ रही हैं.