Gold import: त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और सोने की कीमतों में कुछ गिरावट के चलते देश में सोने की मांग धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. मांग में बढ़ोतरी के कारण सोने के आयात में तेजी आई है. यह अप्रैल से सितंबर 2021 के बीच कई गुना बढ़कर करीब 24 अरब डॉलर हो गया है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में अप्रैल से सितंबर तक ज्यादा मांग के कारण आयात बढ़ा है.
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल इसी अवधि में सोने का आयात 6.8 अरब डॉलर था. इस साल 2021 सितंबर में सोने के आयात में अच्छी बढ़त देखने को मिली है, यह बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया है. पिछले साल की बात करें तो सितंबर में यह 601.4 करोड़ डॉलर था. दूसरी ओर चालू वित्त वर्ष अप्रैल-सितंबर के दौरान चांदी का आयात 15.5 प्रतिशत घटकर 619.3 मिलियन डॉलर रहा. हालांकि सितंबर के दौरान ये आयात बढ़कर 552.33 अरब डॉलर हो गया. साल 2020 सितंबर में आयात 9.23 अरब डॉलर रहा था.
सोने के आयात में उछाल के कारण देश का व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) इस फाइनेंशियल ईयर में सितंबर के दौरान 22.6 अरब डॉलर हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 2.96 अरब डॉलर था. भारत पीली धातु यानि सोने का सबसे बड़ा आयातक (import) है, जो ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग को पूरा करने में बहुत सहायक है. देश हर साल 800 से 900 टन सोने का आयात करता है.
फाइनेंशियल ईयर की पहली छमाही में रत्न और ज्वैलरी का निर्यात बढ़कर 19.3 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 8.7 अरब डॉलर था. जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेईपीसी) के चेयरमैन कॉलिन शाह ने बताया कि देश में त्योहारी सीजन में काफी मांग के कारण सोने का आयात बढ़ रहा है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (federation of Indian export organizations -FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि मांग मुख्य रूप से सोने के आयात को बढ़ा रही है. कोरोना महामारी के कारण शादियों में कम खर्च के कारण काफी बचत हुई है और वह बचत सोने की खरीदारी में जा रही है. कोविड-19 महामारी के बाद लोगों ने सोने में निवेश बढ़ा दिया है. कुछ परिवारों का मानना है कि बुरे वक्त में ऐसी चीजें काम आती हैं.