ग्लोबल इंफ्लेशन पीक के करीब, अगले साल महामारी के पूर्व स्तर तक पहुंचने की उम्मीद: IMF

IMF को लगता है कि एडवांस्ड इकोनॉमीज में मुद्रास्फीति 2022 के मध्य तक 2 प्रतिशत तक गिरने से पहले 3.6 प्रतिशत के शिखर पर पहुंचेगी.

Global inflation nearing peak, expected to reach pre-pandemic levels next year: IMF

IMF ने कहा कि मुद्रास्फीति में तेजी, विशेष रूप से उभरते बाजारों में अक्सर शार्प एक्सचेंज रेट डेप्रिसिएशन से जुड़ी होती है.

IMF ने कहा कि मुद्रास्फीति में तेजी, विशेष रूप से उभरते बाजारों में अक्सर शार्प एक्सचेंज रेट डेप्रिसिएशन से जुड़ी होती है.

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने हेडलाइन कंज्यूमर प्राइस इन्फ्लेशन के 2022 के मध्य तक महामारी के पूर्व स्तर तक कम होने का अनुमान लगाया है. हालांकि महामारी के पूर्व स्तर तक कम होने से पहले इसके पीक पर पहुंचने का भी अनुमान है. वाशिंगटन बेस्ड लेंडर ने अपने नए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के एक चैप्टर में ये बात कही है. IMF को लगता है कि एडवांस्ड इकोनॉमीज में मुद्रास्फीति 2022 के मध्य तक 2 प्रतिशत तक गिरने से पहले 3.6 प्रतिशत के शिखर पर पहुंचेगी. वहीं उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति के 6.8% पर पहुंचने के बाद अगले साल लगभग 4% तक गिरने का अनुमान है.

ये फैक्टर मुद्रास्फीति को लंबे समय तक बढ़ा सकते हैं

IMF ने रिपोर्ट में ये भी कहा कि ‘आवास की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी और उन्नत व विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में लंबे समय तक इनपुट सप्लाई शॉर्टेज, उभरते बाजारों में खाद्य कीमतों के दबाव और करेंसी डेप्रिसिएशन मुद्रास्फीति को लंबे समय तक बढ़ा सकते हैं. IMF ने कहा कि हेडलाइन इन्फ्लेशन को बढ़ी हुई मांग, तेजी से बढ़ती कमोडिटी की कीमतें, इनपुट शॉर्टेज और सप्लाई चेन में व्यवधान ड्राइव कर रहे हैं. महामारी की शुरुआत के बाद से वैश्विक खाद्य कीमतों में 40% की वृद्धि ने कम आय वाले देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है.

मंगलवार को प्रकाशित की जाएगी पूरी रिपोर्ट

पूरी रिपोर्ट अगले मंगलवार को प्रकाशित की जाएगी. रिपोर्ट में जुलाई में किए गए IMF के अनुमानों को अपडेट किया जाएगा. आउटलुक के जारी होने से पहले मंगलवार को एक भाषण में IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने मुद्रास्फीति को ग्लोबल रिकवरी में अड़ंगा बताया.

महामारी से प्रभावित क्षेत्रों में सैलरी में वृद्धि

USA सहित कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में लेजर (leisure), हॉस्पिटैलिटी (hospitality) और रिटेल जैसे COVID-19 महामारी से प्रभावित क्षेत्रों में सैलरी में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है. IMF ने कहा कि मुद्रास्फीति में तेजी, विशेष रूप से उभरते बाजारों में अक्सर शार्प एक्सचेंज रेट डेप्रिसिएशन से जुड़ी होती है.

Published - October 7, 2021, 07:46 IST