कोविड 19 (Covid 19) की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था ने जैसे तैसे संभलना शुरू ही किया था कि अब ओमिक्रॉन नया संकट बन कर सामने आ सकता है. मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक कोविड 19 (Covid 19) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में कई अनिश्चितताओं को जोड़ रहा है. हालांकि इसके फैलने की गति, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर के अलावा टीके कितने प्रभावशाली हैं उन पर भी अर्थव्यवस्था निर्भर करेगी.
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक मूडीज एनालिटिक्स ने इस संबंध में ‘मच टू लर्न अबाउट ओमिक्रॉन फास्ट’ के शीर्षक के साथ एक टिप्पणी की है. जिसमें साफ कहा है कि ओमिक्रॉन तेजी से फैलता नजर आ रहा है. इसके बावजूद इस वेरिएंट से जुड़ी सारी जानकारी हासिल करने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगेगा. मूडीज एनालिटिक्स के चीफ एपीएसी अर्थशास्त्री स्टीव कोचरन के मुताबिक कोविड 19 (Covid 19) के इस नए वेरिएंट से अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल हो सकता है.
हालांकि किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले उसके जोखिम को समझ लेना जरूरी है. फिलहाल जल्दबाजी करना ठीक नहीं है. ओमिक्रॉन के फैलने की गति, उसका लोगों पर प्रभाव, अस्पतालों में लोगों का भर्ती होना, मृत्युदर, इसके खिलाफ आए टीके और दवाओं का असर सब कुछ समझना होगा.
दक्षिण अफ्रीका ने 24 नवंबर को पहली बार WHO को कोविड 19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की जानकारी दी थी. उसके बाद से बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजराइल, यूके, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया सहित लगभग 12 और देशों में इसकी पहचान की गई है. शुक्रवार को WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न (variant of concern) बताया साथ ही इस ओमिक्रॉन नाम भी दिया. नया वेरिएंट इस वक्त विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है. मूडीज एनालिटिक्स के अनुसार दुनियाभर के वैज्ञानिक नए वेरिएंट के अध्ययन में जुट गए हैं.
इसे समझते समझते दो सप्ताह लग सकते हैं. उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. भारत ने अप्रैल मई तक दूसरी लहर का सामना किया है. डेल्टा वेरिएंट के कहर से उभरने की कोशिशों के बीच काफी हद तक प्रतिबंधों में ढील दी गई थी. अब ये भी ओमिक्रॉन वेरिएंट की चुनौतियों का सामना कर रहा है.
मूडीज एनालिटिक्स ने आगे कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र को आने वाले दिनों में कुछ नए फेक्टर्स का सामना करना होगा. खासतौर से तब जब हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया में ओमिक्रॉन के दो मामलों का पता चल चुका है.सबसे पहले इस क्षेत्र में टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाने की जरूरत है. म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया, भारत, हांगकांग, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम सहित देशों ने अभी भी अपनी आबादी के 65 प्रतिशत से कम का ही टीकाकरण किया है. इसमें 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं जो वैक्सीनेटेड नहीं हैं.
मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक यात्रा और पर्यटन पेंडमिक के बाद आर्थिक सुधार की दृष्टि से सबसे धीमी रफ्तार से चल रही है. नए वेरिएंट के बाद ये देखा होगा कि हांगकांग और चीन में इसका क्या असर पड़ता है.नया वेरिएंट ओमिक्रॉन उन देशों की इकोनॉमी के लिए नया जोखिम बन गया है जहां वैक्सीनेशन दर काफी कम है. इसमें पूरा सब सहारन अफ्रीका शामिल है जहां टीकाकरण की दर पचास प्रतिशत से कम है. दुनियाभर में साठ देशों में ये दर बीस प्रतिशत से कम है.