केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने सड़क परियोजनाओं की फंडिंग में भारतीय रिजर्व बैंक के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करने की खातिर नीति बनाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि देश को ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए कम लागत वाले फाइनेंस की जरूरत है.
उद्योग संगठन सीआईआई (CII) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के पास भी विधुत मंत्रालय के विधुत विभाग वित्त निगम (PFC) की तरह एक फाइनेंशियल ब्रांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, मैंने रिजर्व बैंक के गवर्नर से बात करने का फैसला किया है. हम एक नीति कैसे तैयार कर सकते हैं जिसके द्वारा हम देश में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए इस विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग कर सकें.
रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 30 जुलाई को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9.427 अरब डॉलर से बढ़कर 620.576 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है. संसद की एक समिति ने भी यह सुझाव दिया था कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में काफी वृद्धि हुई है. इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक के पास विदेशी भंडार की पर्याप्त उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की फंडिंग के लिए इन पैसों के उपयोग की संभावना पर विचार कर सकता है.
गडकरी ने कहा कि वह भारत में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की फंडिंग के लिए विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से बात कर रहे हैं, लेकिन वह उनकी प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, हमें कुछ फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की जरूरत है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के लिए ब्याज लागत को कम कर सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय रेलवे को भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) मिला है, विद्युत मंत्रालय को विधुत वित्त निगम मिला है लेकिन NHAI की कोई वित्तीय शाखा नहीं है. गडकरी ने सुझाव देते हुए कहा, हमें एक संस्थान की जरूरत है जिसमें NHAI की हिस्सेदारी हो और साथ ही वित्तीय संस्थान की हिस्सेदारी भी उसमें हो.