Future Retail-Reliance Deal: किशोर बियाणी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने शनिवार को कहा है कि उसने रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने और सिंगापुर स्थित इमरजेंसी आर्बिट्रेटर (EA) के आदेश को लागू करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
फ्यूचर रिटेल ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है, “2 फरवरी, 2021 और 18 मार्च, 2021 के आक्षेपित आदेशों के खिलाफ कंपनी ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) दायर की हैं. इस विशेष अनुमति याचिका (SLP) को उचित समय पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.”
दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 2 फरवरी को, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था, जिस पर अमरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon ने आपत्ति जताई थी.
न्यायमूर्ति J R मिधा ने कहा था कि अदालत संतुष्ट है कि Amazon के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल अंतरिम आदेश पारित करने की आवश्यकता थी.
बाद में, 18 मार्च को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर (EA) के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को रिलायंस रिटेल के साथ अपने कारोबार को बेचने के लिए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को आगे बढ़ाने से रोक दिया गया था, जिसका US की ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा विरोध किया गया था.
न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने किशोर बियाणी के नेतृत्व वाले FRL को रिलायंस के साथ सौदे पर आगे की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया और कहा कि समूह ने जानबूझकर EA के आदेश का उल्लंघन किया है. हाई कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए इस पर और इसके निदेशकों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
लंबे समय से इस डील को लेकर Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है. Amazon ने सिंगापुर की अदालत के आदेशों को लागू करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. फ्यूचर ग्रुप ने पिछले साल अगस्त में फ्यूचर रीटेल सहित अपनी 5 लिस्टेड कंपनियों की फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Future Enterprises Limited) में विलय करने की घोषणा की थी. इसके बाद रीटेल बिजनस (Retail Business) को रिलायंस को ट्रांसफर किया जाना था. यह सौदा करीब 25,000 करोड़ रुपये का है.