सरकारी योजनाओं में मिलने वाला चावल लगाएगा कुपोषण पर लगाम

Fortified Rice: पीएम मोदी ने कहा, वर्ष 2024 तक हर योजना के मध्यम से मिलाने वाला चावल फोर्टिफाइड कर दिया जाएगा.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 16, 2021, 04:02 IST
Global Rice Exports:

image: PBNS, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2021 के पहले सात महीनों में 12.84 मिलियन टन चावल का निर्यात किया, जो एक साल पहले की तुलना में 65 फीसद अधिक है.

image: PBNS, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2021 के पहले सात महीनों में 12.84 मिलियन टन चावल का निर्यात किया, जो एक साल पहले की तुलना में 65 फीसद अधिक है.
Fortified Rice: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लाल किले से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और मिड-डे-मील योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत 2024 तक वितरित चावल के फोर्टिफिकेशन की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि कुपोषण महिलाओं और बच्चों के विकास में एक “बाधा” है और भारत इसे और अधिक दिनों तक नहीं ढो सकता है. 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “राशन की दुकान पर मिलाने वाला चावल हो, मिड-डे-मील में बालकों को मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के मध्यम से मिलाने वाला चावल फोर्टिफाइड कर दिया जाएगा.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के हर गरीब व्यक्ति को पोषण मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है. “कुपोषण महिलाओं और बच्चों के विकास में एक बड़ी बाधा है. इसे देखते हुए विभिन्न योजनाओं के तहत बांटे गए चावल को फोर्टिफाई करने का फैसला किया गया है.’

क्या होता है फोर्टिफिकेशन ?

फूड फोर्टिफिकेशन चावल, दूध, नमक, आटा आदि खाद्य पदार्थों में लौह, आयोडिन, जिंक, विटामिन A एवं D जैसे प्रमुख खनिज पदार्थ एवं विटामिन जोड़ने अथवा वृद्धि करने की प्रक्रिया है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) भारत में देश में खाद्य पदार्थों के लिए मानक निर्धारित करता है. FSSAI के अनुसार फोर्टिफिकेशन, “भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की सामग्री को जानबूझकर इस प्रकार बढ़ाना ताकि भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार हो और स्वास्थ्य के लिए न्यूनतम जोखिम हो, जिससे जनता के स्वास्थ्य में सुधार हो और कुपोषण का बड़े पैमाने पर खात्मा हो सके.”

1 KG चावल में कौन-सा तत्व कितना शामिल होता है

FSSAI के मानदंडों के अनुसार, 1 किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28mg-42.5mg), फोलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम) और विटामिन B-12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होना चाहिए.

इसके अलावा, चावल को सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ, एकल या संयोजन में, जिंक (10mg-15mg), विटामिन A (500-750 माइक्रोग्राम RE), विटामिन B1 (1mg-1.5mg), विटामिन B2 (1.25mg-1.75mg), विटामिन B3 (12.5mg-20mg) और विटामिन B6 (1.5mg-2.5mg) प्रति किलोग्राम के स्तर पर भी फोर्टिफाइड किया जा सकता है.

देश के लिए क्या हैं इस कदम के मायने

सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 300 लाख टन से अधिक चावल वितरित करती है.

केंद्र ने 2021-22 के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत टीपीडीएस, एमडीएम और आईसीडीएस के लिए 328 लाख टन चावल आवंटित किया है.

आपको बता दें, भारत दुनिया में चावल का पांचवा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इसके साथ ही प्रति व्यक्ति चावल की खपत के अनुसार भारत, चावल का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है. भारत में चावल कि प्रति व्यक्ति खपत 6.8 किलोग्राम प्रति माह है.

इन राज्यों में शुरू हो चुका है ‘पायलट प्रोजेक्ट’

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 2019-20 से शुरू होने वाले तीन साल के लिए “चावल के फोर्टिफिकेशन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत इसका वितरण” पर एक केंद्र प्रायोजित पायलट योजना शुरू की थी.

इसका कुल बजट 174.64 करोड़ रुपये था। पायलट योजना देश के 15 राज्यों के 15 जिलों में शुरू की गई थी. आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश इसमें शामिल रहे.

इस योजना के तहत चावल का मिश्रण मिलिंग स्तर पर किया जाता है. मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र और गुजरात ने फरवरी, 2020 से पायलट योजना में पीडीएस के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर दिया है.

मिशन पोषण 2.0 क्या है?

केंद्रीय बजट 2021-22 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिशन पोषण 2.0 की घोषणा की थी. उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, “पोषण संबंधी सामग्री, वितरण, पहुंच और परिणाम को मजबूत करने के लिए, हम पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय करेंगे और मिशन पोषण 2.0 लॉन्च करेंगे.”

केंद्र -राज्यों की हिस्सेदारी

इस पायलट योजना में पूर्वोत्तर, पहाड़ी व द्वीप राज्यों के लिए केन्द्र सरकार 90:10 के अनुपात में खर्च वहन करेगी, जबकि शेष राज्यों के लिए यह अनुपात 75:25 निर्धारित की गई है.

Published - August 16, 2021, 04:02 IST