फॉरेक्स रिजर्व की कमी नहीं, सही इस्तेमाल के लिए पॉलिसी की जरूरत

देश का Forex Reserve 2021 में 620 अरब डॉलर का हो गया है. आर्थिक मदद के लिए यह बड़ी रकम है. इससे इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट करने पर चर्चा हो रही है

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बड़ी कंपनियां अक्सर बड़े शहरों में होने के कारण रिक्रूटमेंट इन्हीं शहरों तक सीमित रह जाता है. यहां के कैंडिडेट्स को इसका लाभ मिलता है

बड़ी कंपनियां अक्सर बड़े शहरों में होने के कारण रिक्रूटमेंट इन्हीं शहरों तक सीमित रह जाता है. यहां के कैंडिडेट्स को इसका लाभ मिलता है

देश का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व (Forex) करीब 30 साल पहले इतना घट गया था कि उससे पांच हफ्ते से भी कम के आयात को कवर किया जा सकता था. इसके बाद उसके लिए इतने आर्थिक परिवर्तन किए गए कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की तस्वीर बदल गई. देश का फॉरेक्स रिजर्व 2021 में 620 अरब डॉलर का हो गया है. आर्थिक मदद के लिए यह बड़ी रकम है. अब चर्चा हो रही है कि इसका इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए किया जा सकता है. इकॉनमिक सुपरपावर बनने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास होना जरूरी है.

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कह चुके हैं कि फॉरेक्स रिजर्व का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में किया जाना चाहिए. खास तौर पर, देश के तमाम हाईवे के डिवेलपमेंट के लिए. इसके लिए वे रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के साथ चर्चा भी करना चाहते हैं.

गडकरी का सोचना सही है. इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलमेंट में इतनी बड़ी राशि का इस्तेमाल अच्छा कदम होगा क्योंकि किसी भी सरकार के लिए बड़े स्तर पर विकास कार्यों को बढ़ाना मुश्किल होता है. सड़क, पोर्ट, हवाई अड्डे, पानी, बिजली कुछ ऐसी जरूरतें हैं, जिनसे देश का आर्थिक विकास होता है.

हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर को फाइनेंस करने के लिए फॉरेक्स रिजर्व का इस्तेमाल एक जटिल प्रक्रिया बन सकता है. इसमें सरकारी कर्ज और मॉनिटरी मैनेजमेंट जैसे पहलू शामिल होंगे. इसे सिलसिलेवार ढंग से किया जाना बेहद अहम है. एक्सपर्ट्स की राय लेनी होगी.

सबसे बड़ी बात यह कि केंद्रीय बैंक की ऑटोनॉमी बड़ा मुद्दा होगी. अलग-अलग मंत्रालयों के नजरिये के मुताबिक आगे बढ़ने से बेहतर होगा कि सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट पैनल की सलाह ले. क्या कर पाना मुमकिन होगा, कैसे प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए, इनपर चर्चा होनी चाहिए.

साथ ही सरकार को गैर-सरकारी नजरिये भी समझने होंगे. सही उद्देश्यों के साथ विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल होने का प्रभाव बड़ा हो सकता है. हमें शॉर्ट टर्म फायदे नहीं देखने हैं. लॉन्ग-टर्म पॉलिसी तैयार करने के लिए सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा.

Published - August 13, 2021, 06:43 IST