विदेशी कोरोना वैक्सीन की इस मंजूरी के चक्कर में रुकी सप्लाई

Foreign Vaccines: विदेशी कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता में देरी हो सकती है. क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर सरकार और कंपनियों के बीच सहमति नहीं बन पा रही.

WHO

image: unsplash, वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत अक्टूबर-दिसंबर में अतिरिक्त टीकों का निर्यात होगा, देश की जरूरतों को पूरा करने के बाद कोवैक्सीन को दुनिया में भेजा जाएगा.

image: unsplash, वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत अक्टूबर-दिसंबर में अतिरिक्त टीकों का निर्यात होगा, देश की जरूरतों को पूरा करने के बाद कोवैक्सीन को दुनिया में भेजा जाएगा.

विदेशी कोविड-19 टीकों को भारतीय नियामक की मंजूरी भले मिल गई है, लेकिन इसकी उपलब्धता में अभी कुछ समय लग सकता है. इसकी वजह है केंद्र सरकार की इस मामले पर पोजिशन. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि विदेशी दवा निर्माताओं की वैक्सीन लगवाने वालों में कोई गंभीर रिएक्शन डेवलप होते हैं, तो मोदी सरकार उन निर्माताओं को देनदारियों के खिलाफ क्षतिपूर्ति देने के लिए इच्छुक नहीं है.

एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘इस मामले पर विदेशी वैक्सीन निर्माताओं के साथ बातचीत चल रही है. हालांकि, एक आम सहमति है कि अगर क्षतिपूर्ति दी जाती है, तो यह सभी वैक्सीन निर्माताओं के लिए होगी, न कि केवल मुट्ठी भर दवा निर्माताओं के लिए. इस मामले पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.’ फाइजर, मॉडर्ना सहित अमेरिकी वैक्सीन निर्माताओं ने वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट्स के खिलाफ क्षतिपूर्ति की मांग की है.

J&J की वैक्सीन को शनिवार को मिली थी मंजूरी

अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) की वायरल वेक्टर सिंगल डोज वैक्सीन को शनिवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी दी गई थी. हालांकि, कंपनी ने उपलब्धता के बारे में समय सीमा पर कोई टिप्पणी नहीं की है. J&J के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अपनी डिलीवरी कमिटमेंट को पूरा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन टीके की डिलीवरी के समय के बारे में जानकारी देना अभी जल्दबाजी होगी.’ J&J भारतीय वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल ई के साथ मिलकर वैक्सीन की आपूर्ति करेगा.

क्षतिपूर्ति पर सरकार और J&J के बीच बातचीत

सूत्रों का दावा है कि क्षतिपूर्ति से संबंधित मामलों पर भारत सरकार और J&J के बीच बातचीत चल रही है. वार्ता सफल होने के बाद आपूर्ति शुरू हो जाएगी. J&J के लिए बायोलॉजिकल ई करीब 50 करोड़ डोज बनाएगा.

हालांकि, भारत के लिए इसमें से कितनी डोज उपलब्ध कराई जाएगी, इसके बारे में जानकारी सामने नहीं आई है. J&J ने अपनी वेबसाइट पर साफ तौर पर बताया है कि वह मौजूदा इमरजेंसी पेंडेमिक पीरियड में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए केवल सरकारी निकायों से बात कर रहा है. किसी भी थर्ड पार्टी से उसकी बातचीत नहीं चल रही है.

इन वैक्सीन्स को जल्द मंजूरी संभव

अगस्त से अक्टूबर के बीच जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की जायकोव-डी (ZyCoV-D), बायोलॉजिकल ई (Biological E) की वैक्सीन कोरबेवैक्स (Corbevax) और नोवावैक्स (Novavax) की वैक्सीन कोवोवैक्स (Covovax) को मंजूरी मिल सकती है.

कोवोवैक्स को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) मैन्युफैक्चर कर रहा है. इससे देश में कोविड-19 टीकों की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी और आयात पर निर्भरता कम होगी.

क्षतिपूर्ति की मांग पर सरकार के झुकने की उम्मीद नहीं

इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का मानना है कि जब तक फाइजर या मॉडर्ना जैसी कंपनियों से भारत में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन की बिक्री की संभावना नहीं दिखेगी, तब तक भारत के लिए क्षतिपूर्ति की मांग के आगे झुकने की उम्मीद नहीं है. बीते दिनों फाइजर ने यह भी संकेत दिया था कि उसने भारत में कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने की पेशकश अपने फायदे के लिए नहीं की है. फिलहाल फाइजर की भारत सरकार के साथ बातचीत चल रही है.

Published - August 11, 2021, 04:30 IST