महंगाई कम करने में केंद्रीय बैंक के सामने खाद्य वस्तों की कीमतें बाधा बन रही हैं. मुद्रास्फीति तेजी से घटाकर चार प्रतिशत तक लाने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लक्ष्य की दिशा में खाद्य कीमतें आड़े आ रही हैं. केंद्रीय बैंक के मार्च महीने के बुलेटिन ‘स्टेट ऑफ इकनॉमी’ में मंगलवार को यह बात कही गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर से घट रही है और फरवरी में यह 5.09 प्रतिशत थी.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई में एक टीम ने लेख जारी किया है. इस लेख में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की टीम ने कहा, ‘भले ही प्रमुख मुद्रास्फीति में व्यापक नरमी के साथ महंगाई लगातार घट रही है, लेकिन खाद्य कीमतों के दबाव के चलते इसे तेजी से चार प्रतिशत पर लाने में बाधा पैदा हो रही है.’
इस लेख में आगे कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी कम हो रही है. और कुछ सबसे जुझारू अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि की गति बहुत ही धीमी है. आरबीआई की टीम का कहना है कि उच्च आवृत्ति संकेतक आने वाले समय में इसके और सुस्त होने की ओर इशारा कर रहे हैं.
भारत में वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर छह तिमाही के उच्चस्तर पर थी. लेख में कहा गया कि आगे चलकर संरचनात्मक मांग और स्वस्थ कॉरपोरेट तथा बैंकों के बही-खाते से वृद्धि को गति मिलेगी. केंद्रीय बैंक ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और आरबीआई के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.