GST पर स्पष्टता के लिए सरकार के पास पहुंचे जोमैटो और स्विगी

Food Delivery GST: काउंसिल ने कहा है कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को रेस्तरां की तरह 5% GST देना चाहिए. अब तक ये केवल फूड की कॉस्ट पर टैक्स देती आई हैं

food delivery firms zomato and swiggy seek clarification on additional gst

फूड डिलीवरी कंपनियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जिस तरह से टैक्स सिस्टम काम करता है, GST के नए नियम से उनकी कुल लागत बढ़ सकती है

फूड डिलीवरी कंपनियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जिस तरह से टैक्स सिस्टम काम करता है, GST के नए नियम से उनकी कुल लागत बढ़ सकती है

फूड डिलीवरी कंपनियां स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato) ने सरकार से वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. दरअसल, GST काउंसिल ने कहा है कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को रेस्तरां की तरह ही पांच प्रतिशत GST देना चाहिए. अभी तक ये कंपनियां केवल फूड की कॉस्ट के ऊपर ही GST का भुगतान करती आई हैं. आगे चलकर ऑर्डर की कुल कीमत पर भी टैक्स लागू होगा.

लागत में हो सकती है बढ़ोतरी

प्लेटफॉर्म्स के लिए टैक्स अगले साल जनवरी से लागू होगा. घटनाक्रम से वाकिफ लोगों के मुताबिक, कंपनियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जिस तरह से टैक्स सिस्टम काम करता है, उससे उनकी कुल लागत बढ़ सकती है.

GST कैसे लगाया जाएगा

इस डिवेलपमेंट से जुड़े व्यक्ति ने कहा, ‘ज्यादातर मामलों में, रेस्तरां डिलीवरी कंपनियों को प्रोवाइड कराए फूड पर पांच फीसदी GST लगाते हैं. ये टैक्स ग्राहकों से वसूला जाता है. सवाल यह है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्या होगा, क्योंकि रेस्तरां को टैक्स क्रेडिट की अनुमति नहीं है.’ इसलिए कंपनियां इस बारे में स्पष्टता चाहती हैं कि GST कैसे लगाया जाएगा?

क्या होता है इनपुट क्रेडिट

इनपुट क्रेडिट का मतलब है आउटपुट पर टैक्स देते समय आप इनपुट पर पहले से चुकाए गए कर को घटा सकते हैं. मान लीजिए, आप एक मैन्युफैक्चरर हैं – आउटपुट पर देय कर (अंतिम उत्पाद) 450 रुपये है. इनपुट पर भुगतान कर (खरीद) 300 रुपये है. आप 300 रुपये के इनपुट क्रेडिट का दावा कर सकते हैं और केवल 150 रुपये करों में जमा करने की आवश्यकता है.

दो बार लगेगा GST

पहले जब आप स्विगी से 1,000 रुपये का खाना मंगवाते थे, तो रेस्तरां लागत पर पांच प्रतिशत GST (GST में 50 रुपये) वसूल करता था. अब 1,050 रुपये पर पांच फीसदी और टैक्स लगेगा. जबकि सरकार ने दावा किया है कि यह ग्राहकों प्रभावित नहीं करेगा. यही वजह है कि डिलीवरी कंपनियां सटीक कार्यप्रणाली पर स्पष्टता चाहती हैं.

क्या कहा कानूनी विशेषज्ञों ने

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुपलब्धता और अन्य जटिलताओं के कारण, स्विगी और जोमैटो टैक्स कैस्केडिंग या डबल टैक्सेशन देख सकते हैं. चूंकि GST सप्लाई चेन के दो चरणों पर लागू होगा – एक बार रेस्तरां इसे लगाएगा और फिर डिलीवरी प्लेटफार्म भी इसे लगाएंगे – वे इसे इनपुट टैक्स क्रेडिट मैकेनिज्म के तहत सेट ऑफ करने में सक्षम नहीं होंगे.

Published - September 23, 2021, 04:14 IST