कोविड-19 की दूसरी लहर का भारत पर गहरा असर देखने को मिला है. जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ ही इससे अर्थव्यवस्था भी काफी हद तक चरमरा गई थी. हालांकि इसमें फिर से सुधार के संकेत दिखाई देने लगे हैं. सबसे तेजी से रिकवर होने वाले क्षेत्रों में FMCG यानी तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तुओं का कारोबार शामिल है.
शुरुआती अनुमानों और आंकड़ों के अनुसार, FMCG सेक्टर में लगातार सुधार देखा जा रहा है और यह अब महामारी से पहले के स्तर तक पहुंचने के लिए कमर कस रहा है.जून तिमाही में आमदनी के मामले में कई शीर्ष कंपनियां कोविड पूर्व के स्तर से भी आगे निकल गई हैं.
लॉकडाउन का दीर्घकालिक असर
मार्च 2020 में लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन ने इस क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया था। घबराहट में खरीदारी के कारण बिक्री में तात्कालिक तेजी वृद्धि के बावजूद, कुल बिक्री और मुनाफे में भारी गिरावट आई थी. इस सेक्टर की प्रमुख कंपनियों का कारोबार 2019 में कोवडि की पहली लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ था. ऐसा ही नजारा इस साल अप्रैल और जून के बीच के कोविड की दूसरी लहर के वक्त रहा. महामारी और लॉकडाउन और परिवहन सेवाओं के बुरी तरह प्रभावित होने के चलते खुदरा कारोबार की गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं.
दिग्गज कंपनियों के आंकड़ों में सुधार
HDFC सिक्योरिटीज के अनुसार इस बार उपभोक्ता खरीदारी का पैटर्न अधिक अनुशासित था. बढ़ी पहुंच, बेहतर आपूर्ति शृंखला और मांग के अनुरूप उत्पादों के साथ-साथ डिजिटल लेनदेन में आई तेजी ने इस बार FMCG सेक्टर के हालात संभाले रखने में अहम भूमिका निभाई. FMCG क्षेत्र में दो सबसे बड़ी कंपनियों- हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के रुझानों से यह यह साफ झलकता है.
आय के मामले में हिंदुस्तान यूनिलीवर 2019 की जून तिमाही के स्तर को पार करने में सफल रही. पिछले साल दो अंकों की गिरावट के बाद आईटीसी की शुद्ध बिक्री अब जून 2019 के स्तर से 12.5% अधिक हो गई है। हालांकि इसके दो सबसे बड़े कारोबार होटल उद्योग और सिगरेट कारोबार अभी महामारी के असर की चपेट में हैं. इसके होटल व्यवसाय की आय पूर्व-कोविड समय की तुलना में 68% कम है और सिगरेट व्यवसाय भी लॉकडाउन के कारण काफी प्रभावित हुआ है.
पैकेज्ड फूड उत्पादक दिग्गज कंपनी नेस्ले इंडिया ने अपनी बिक्री के आंकड़ों में सालाना आधार पर 14% की वृद्धि दर्ज की, जो जून 2019 तिमाही में 3073 करोड़ रुपये की तुलना में 3462 करोड़ रुपये पर रही. कंपनी ने लाभ में 10.6% की वृद्धि दर्ज की जो 2020 में इसी तिमाही के 486.6 करोड़ रुपये के मुकाबले 538.58 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.