सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा, भारतीय उद्योग (Indian Industry) को अब जोखिम उठाना शुरू कर देना चाहिए और क्षमता निर्माण में निवेश करना चाहिए क्योंकि अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार वित्त मंत्री सीतारमण बुधवार को सीआईआई ग्लोबल आर्थिक नीति शिखर सम्मेलन 2021 में शामिल हुईं इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं भारतीय उद्योग (Indian Industry) से दृढ़ता से अपील करती हूं कि आपको बढ़ती क्षमताओं को देखते हुए और देरी नहीं करनी चाहिए. नए क्षेत्रों को विकसित करते हुए ऐसे साझेदारों को खोजने में देरी नहीं करनी चाहिए जो आपकी क्षमता निर्माण को बढ़ाने में सहायता कर सकें.
सीतारमण ने कहा कि उद्योग को अब अधिक जोखिम उठाना चाहिए और भारत के विकास को अतिरिक्त गति देने के लिए आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने उद्योग से नई नौकरियों की पेशकश करने और आय असमानता को कम करने की भी अपील की. उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि उद्योग को तैयार उत्पादों के आयात पर निर्भरता कम करना चाहिए और विनिर्माण में निवेश बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. देश में विनिर्माण के लिए कच्चे माल के आयात में कोई समस्या नहीं है.
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मंत्रियों से अपने-अपने मंत्रालयों और विभागों में उद्योग को सरल बनाने को कहा है. सीतारमण ने यह भी कहा कि बैंकिंग क्षेत्र काफी बदल गया है, और उच्च वसूली के साथ गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में गिरावट शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बाजार से 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. उन्होंने कहा कि दिवाली के तीन सप्ताह के दौरान बैंकों ने सामूहिक रूप से क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से चार से पांच विभिन्न श्रेणियों को 75,000 करोड़ रुपये उधार दिए हैं.
उन्होंने कहा, भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि एक विकासशील देश के लिए तेजी से उबरना संभव है. भारत सौर ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की ओर बढ़ रहा है, और यह लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब सभी मिलकर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हों. उन्होंने कहा कि यहां तक की कोई अतिरिक्त मांग नहीं होने के बावजूद भारत के जीवाश्म ईंधन के बिल बढ़ रहे हैं क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे कहा कि कीमतों में गिरावट के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.