सरकार ने घटाया खर्च, कमाई भी बढ़ी, लेना पड़ा कम कर्ज

कुल व्यय में 18,47,488 करोड़ रुपए राजस्व खाते पर और 5,46,924 करोड़ रुपए पूंजीगत खाते पर थे.

सरकार ने घटाया खर्च, कमाई भी बढ़ी, लेना पड़ा कम कर्ज

सरकार का राजकोषीय घाटा अक्टूबर के अंत में पूरे साल के बजट अनुमान के 45 फीसद तक पहुंच गया। सरकार की ओर से कैपिटल और रेवेन्यु खर्च में कमी के साथ ही टैक्स कलेक्शन में हुई बढ़ोतरी के चलते सरकार के राजकोषीय घाटे में कमी दर्ज की गई है. हालांकि पिछले साल से तुलना की जाए तो इस साल राजकोषीय घाटा बढ़ा है. पिछले साल इसी अवधि में राजकोषीय घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 45.6 फीसद था. बता दें कि सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं.

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सरकार का वित्तीय घाटा बढ़कर 8.04 लाख करोड़ रुपए हो गया है. जो पिछले साल इस दौरान 7.02 लाख करोड़ रुपए था. इस साल राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पूरे वित्तवर्ष के लिए सरकार ने 17.87 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी का 5.9 फीसद रहने का लक्ष्य रखा गया है.

जानकारों के अनुसार सरकार सड़क, पुलों के निर्माण जैसे पूंजीगत व्ययों से पीछे हट रही है. इस साल इनकी रफ्तार काफभ् कम है. इसके साथ ही सरकार को आयकर से लेकर जीएसटी तक, सभी प्रकार के टैक्स के कलेक्शन में जोरदार वृद्धि देखने को मिल रही है. इसी मजबूती के चलते राजको​षीय घाटे को कम करने में सरकार को सफलता मिली है.

भारत सरकार को चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर 2023 तक 15.9 लाख करोड़ रुपए (2023-24 के बजट अनुमान का 58.6 फीसद) प्राप्त हुए, जिसमें 13.01 लाख करोड़ रुपए कर राजस्व (शुद्ध) के रूप में, 2.65 लाख करोड़ रुपए गैर-कर राजस्व के रूप में और 22,990 करोड़ रुपए गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों के रूप में हैं.

गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों में ऋण की वसूली (14,990 करोड़ रुपए) और विविध पूंजीगत प्राप्तियां (8,000 करोड़ रुपए) शामिल हैं. सीजीए के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान केंद्र सरकार का कुल व्यय 23.94 लाख करोड़ रुपए (2023-24 के बजट अनुमान का 53 फीसद) था.

कुल व्यय में 18,47,488 करोड़ रुपए राजस्व खाते पर और 5,46,924 करोड़ रुपए पूंजीगत खाते पर थे.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अक्टूबर में सालाना आधार पर पूंजीगत व्यय में 15 फीसद की गिरावट आई, जिससे सात महीने की अवधि में राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने में मदद मिली.

उन्होंने कहा, ”एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून) के तहत मुफ्त खाद्यान्न योजना को बढ़ाने, एलपीजी पर अधिक सब्सिडी और उर्वरक सब्सिडी बढ़ने के चलते हमारा अनुमान है कि खर्च वित्त वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान से 0.8-1 लाख करोड़ रुपए अधिक होगा.”

Published - December 1, 2023, 04:06 IST