फाइनेंशियल इनक्लूजन के हैं कई सामाजिक फायदे

Jan Dhan Financial Inclusion: कुल 43.76 करोड़ लाभार्थियों ने अब तक जनधन खाते खोले हैं. यह संख्या अमेरिका और जर्मनी की कुल आबादी से भी अधिक है

financial inclusion is having a deep social impact

जनधन के लाभार्थियों को जो डेबिट कार्ड दिए गए हैं, उनकी मदद से वे कैशलेस ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. हालांकि, केवल 72.37% को ये कार्ड मिले हैं

जनधन के लाभार्थियों को जो डेबिट कार्ड दिए गए हैं, उनकी मदद से वे कैशलेस ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. हालांकि, केवल 72.37% को ये कार्ड मिले हैं

फाइनेंशियल इनक्लूजन इस सरकार की बड़ी उपलब्धी है, इसपर कोई शक नहीं है. इसका मुख्य हथियार जनधन खाते रहे हैं, जिन्हें सरकारी और निजी बैंकों में गरीब परिवारों के लिए खुलने वाले सेविंग्स अकाउंट कहा जाता है. कुल 43.76 करोड़ लाभार्थियों ने अब तक जनधन खाते खोले हैं. यह संख्या अमेरिका और जर्मनी की कुल आबादी से भी अधिक है.

फाइनेंशियल इनक्लूजन के कई तरीके होते हैं. UPI और बैंकों के ऐप के जरिए होने वाले डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल लाखों भारतीय छोटी से छोटी राशि का भुगतान करने के लिए करते हैं.

करीब दो-तिहाई खाते ग्रामीण इलाकों में खुले हैं, जहां बैंक ब्रांच कम हैं. साथ ही लाभार्थियों के पास इंश्योरेंस का एक्सेस है, जिससे फाइनेंशियल इनक्लूजन की क्वालिटी बढ़ जाती है.

जनधन के लाभार्थियों को जो डेबिट कार्ड दिए गए हैं, उनकी मदद से वे कैशलेस ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. हालांकि, केवल 72.37 प्रतिशत लाभार्थियों को ये कार्ड मिले हैं. राज्यों के बीच इस मामले में असमानता है. कुछ ऐसे भी राज्य हैं जिनमें कवरेज 50 प्रतिशत से कहीं कम है.

2015 से 2020 के बीच मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग ट्रांजैक्शन प्रति हजार व्यक्ति 183 से बढ़कर 13,615 पहुंच गया. इस दौरान प्रति लाख व्यक्ति बैंक ब्रांच की संख्या 13.6 से बढ़कर 14.7 हो गया. यह आंकड़ा जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका से अधिक रिपोर्ट किया गया है.

इनमें जो सबसे जरूरी बात है, वह ये कि जिन राज्यों में जनधन खाते में अधिक बैलेंस वाले यूजर हैं, वहां अपराध के मामले घटे हैं. SBI की रिपोर्ट में शराब और तंबाकू के सेवन में कमी का संबंध भी उन राज्यों से दिखाया गया है, जहां अधिक जनधन खाते खुले हैं. यह गौर करने वाली बात है कि जिन्हें सेविंग्स का जरिया मिला है, वे खराब आदतों को छोड़ रहे हैं.

दिलचस्प बात है कि जनधन की 55.62 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं. एक तरह से यह महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का भी अच्छा रास्ता बन रहा है.

Published - November 9, 2021, 07:10 IST