COVID-19 Stimulus Package: कोरोना माहमारी के बीच देश की आर्थिक रिकवरी को रफ्तार देने और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सोमवार को सरकार ने एक बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर समेत ग्रोथ, कारोबारियों और आम लोगों को कर्ज मुहैया कराने, निर्यात और रोजगार बढ़ाने पर कुल 8 ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री ने कहा है कि इस राहत पैकेज के ऐलान में छोटे शहरों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर काम किया जाएगा. इनमें टॉप 8 मेट्रोपॉलिटन शहर शामिल नहीं हैं. साथ ही ECLGS के तहत 1.5 लाख करोड़ अतिरिक्त बेनेफिट का भी ऐलान किया गया है. इसके तहत पहले 3 लाख करोड़ रुपये की लिमिट थी. सोमवार को सरकार ने कुल 6.28 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है.
वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 से प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये के लोन गारंटी स्कीम का ऐलान किया है. इसके साथ ही हेल्थ सेक्टर पर 50 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी. सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य इंफ्रा पर खर्च की स्कीम केवल नॉन-मेट्रो और टियर 2 -3 शहरों के लिए है. उन्होंने कहा कि गारंटी की कवरेज विस्तार के लिए 50 फीसदी और 75 फीसदी नए प्रोजेक्ट के लिए कवर होगा. 3 साल की गारंटी ड्यूरेशन के लिए 100 करोड़ रुपये का लोन 7.95 फीसदी के ब्याज दर मिला जाएगा.
स्वास्थ्य के अलावा, अन्य सेक्टरों के लिए 60,000 करोड़ रुपये की राहत का ऐलान किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी लोन स्कीम के तहत पहले 3 लाख करोड़ रुपये का प्रवाधान था जिसमें से 2.69 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. इस स्कीम के अंतर्गत अब 1.5 लाख रुपये की और इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सेक्टर के आधार पर इसका ब्यौरा तैयार किया जाएगा. यानी, इस स्कीम का कुल कैप 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये की गई है.
क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत 25 लाख लोगों को MFI के जरिए लोन दिया जाएगा. माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस छोटे शहरों और स्थानीय इलाकों में काम करती हैं. इनके जरिए 1.25 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा जिस पर MCLR से 2 फीसदी ज्यादा तक का ही ब्याज लगाया जा सकेगा. इस लोन की अवधि 3 साल होगी. ये कर्ज RBI के निर्देश के हिसाब से ही दिए जाएंगे और MFI को 80 फीसदी सहायता इंक्रीमेंटल लेंडिंग के लिए होगी.
ट्रैवल के दूसरे स्टेकहोल्डर्स के लिए भी वित्त मंत्री ने बड़े ऐलान किए हैं. टूरिस्ट गाइड्स और 11,000 मान्यताप्राप्त गाइड्स, ट्रैवल के दूसरे स्टेकहोल्डर्स के लिए राहत का ऐलान किया जा रहा है. 904 ट्रैवल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स (TTS) के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन की स्कीम का ऐलान किया गया तो वहीं 10,700 टूरिस्ट गाइड्स 1 लाख रुपये तक की लोन गारंटी का फायदा उठा सकेंगे. इस कर्ज पर कोई भी प्रोसेसिंग फीस या फोरक्लोजर चार्ज लागू नहीं होगा. टूरिज्म मंत्रालय इसकी देखरेख करेगा.
कोविड महामारी में लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए मार्च 2020 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जारी है. इस स्कीम पर 2020-21 के दौरान 1,33,972 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. प्रधानमंत्री के ऐलान के मुताबिक ही इस साल मई से नवंबर तक इस योजना को जारी रखा जाएगा. PMGAY पर 93,869 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस तरह से इस पर कुल खर्च 2,27,841 करोड़ रुपये का होगा.
इस महत्वकांक्षी योजना को 30 जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस योजना को 1 अक्टूबर 2020 में लॉन्च किया गया था और 22,810 करोड़ का प्रावधान था जिससे 58.5 लाख लोगों को फायदा होने की उम्मीद है. सरकार इस योजना के तहत 1000 कर्मचारियों से कम वाले संस्थान में कर्मचारी और एंप्लॉयर दोनों का प्रोविडेंट फंड का 24 फीसदी हिस्सा सरकार दे रही है. वहीं 1000 से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में केवल एंप्लॉयी का 12 फीसदी हिस्सा सरकार देगी. इसके तहत अब तक 900 करोड़ रुपये दिए चुके हैं.
इस सब्सिडी के तहत अब तक 85,413 करोड़ किसानों को दिये जा चुके हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मौजूदा NBS (न्यूट्रीशन बेस्ड सब्सिडी) के लिए 2020-21 में 27,500 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. इसके 2021-22 में बढ़ाकर 42,275 करोड़ कर दी गई है.
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि कोविड-19 के वक्त करीब 15,000 करोड़ रुपये इमरजेंसी हेल्थ सिस्टम के लिए दिया गया था. इस खर्च से 7,929 कोविड हेल्थ केंद्र, 9,954 कोविड केयर सेंटर, ऑक्सीजन वाले बेड्स में 7.5 गुना की बढ़ोतरी हुई है.
सीतारमण ने कहा कि 23,220 करोड़ रुपये केवल चिल्ड्रेन और पीडियाट्रिक केयर (बच्चों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं) के लिए दिए जा रहे हैं. गौरतलब है कि तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने और कुपोषण दूर करने पर सरकार का जोर है. ज्यादा उत्पादन वाले बीजों के विकास पर सरकार फोकस कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए ICAR ने बायो-फोर्टिफाइड क्रॉप वैराइटी विकसित की हैं जिससे ज्यादा प्रोटीन, आयरन, जिंक देने में मदद मिलेगी. चावल,सोयाबीन, किनोआ समेत अनाज की 21 वैराइटीज को विकसित किया गया है.
NERAMAC के लिए रिवाइवल पैकेज
इसके साथ ही, सरकार ने नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल एग्रीकल्चरल मार्केटिंग कॉरपोरेशन (NERAMAC) को फिर से जिंदा करने का फैसला किया है. इसके लिए 77.45 करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज दिया जा रहा है. इस कॉरपोरेशन से 75 किसान उत्पादक संगठन जुड़े हैं और उत्तर पूर्व की 13 जीआई (GEI) फसलें रजिस्टर्ड हैं. इससे किसानों को ज्यादा अच्छी कीमत पाने का मौका मिलेगा.
वित्त मंत्री ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बड़े बूस्ट का ऐलान किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सरकार सपोर्ट नेशनल एक्सपोर्ट इंश्योरेंस अकाउंट (NEIA) को प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट के लिए 33,000 करोड़ रुपये का बूस्ट देगी.
NEIA से मध्यम और लंबे वक्त के एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाता है. NEIA ट्रस्ट ने 31 मार्च 2021 तक 211 प्रोजेक्ट्स को 52,860 करोड़ रुपये तक दिया है. अगले 5 साल के लिए अतिरिक्त फंडिंग भी दी गई है.
साथ ही मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट के लिए 88,000 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट इंश्योरेंस कवर मिलेगा. क्रेडिट बीमा सेवा (ईसीजीसी-ECGC) के जरिए अगले 5 साल तक ये इंश्योरेंस कवर मिलेगा.
डिजिटल इंडिया की महत्वकांक्षी योजना के तहत गांवों में ब्रॉडबैंड पहुंचाने का लक्ष्य है. 31 मई 2021 तक कुल 2,50,000 ग्राम पंचायतों में से 1,56,223 ग्राम पंचायतों में ये सेवा पहुंच चुकी है. वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए अतिरिक्त 19,041 करोड़ रुपये मुहैया कराए जा रहे हैं. ये सेवा भारतनेट मॉडल के जरिए मुहैया कराई जा रही है.
प्रोडक्शन लिंक्ड इंश्योरेंस (PLI) स्कीम की अवधि को 2025-26 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. ये इन्सेंटिव्स अगस्त 2020 से लागू हैं और अब अगले 5 साल तक और जारी रहेंगे. PLI स्कीम में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग करती हैं उन्हें इन्सेंटिव दिया दाता है.
रिफॉर्म बेस्ड रिजल्ट लिंक्ड पावर डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम के तहत 25 करोड़ स्मार्ट मीटर, 10,000 फीडर, 4 लाख किमी एलटी ओवरहेड लाइनों की योजना है. इस योजना के लिए कुल आवंटन 3,03,058 करोड़ रुपये किया जा रहा है, जिसमें केंद्र का हिस्सा 97,631 करोड़ रुपये का है.
वित्त मंत्री ने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स और एसेट मॉनेटाइजेशन में वक्त कम लगे उसके लिए निर्णय हुए हैं. उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल में एप्रूवल में वक्त लगता है. नई पॉलिसी में मूल्यांकन और मंजूरी में InvITs का मॉडल अपनाया जा सकेगा.