कोरोना महामारी के बाद से अमीर-गरीब का फर्क तेजी से बढ़ा है. हाल में खत्म हुए फेस्टिव सीजन में रहे कंज्यूमर बिहेवियर के आधार पर बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, अमीरों ने जहां गाड़ी, मोबाइल फोन, टीवी, वॉशिंग मशीन और फ्रिज जैसे महंगे सामान खरीदे. वहीं वित्तीय रूप से कम मजबूत लोगों ने सोच-समझकर खरीदारी की. कीमतों में बढ़ोतरी होने से उन्होंने संभलकर खर्च किया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिटेलर्स, ईकॉमर्स फर्मों और उत्पादकों से उपभोक्ताओं ने इस फेस्टिव सीजन महंगे और अधिक क्षमता वाले सामान ज्यादा खरीदे. गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड और एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट कमल नंदी का कहना है कि इस साल पिछले फेस्टिव सीजन की तुलना में 14 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ हुई. फ्रॉस्ट-फ्री फ्रिज, ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन, एसी जैसे महंगे सामानों की बिक्री के बल पर वैल्यू ग्रोथ 28 फीसदी से अधिक रही.
विजय सेल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश गुप्ता ने कहा कि खरीदारों ने छोटे और मास सेगमेंट के सामानों की जगह अधिक क्षमता वाले अप्लायंस खरीदे. कंपनी ने वॉल्यूम कम रहने के बावजूद वैल्यू के लिहाज से 25 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की. गुप्ता ने कहा कि कंज्यूमर अप्लायंस के दाम 15 फीसदी बढ़ने से मास सेगमेंट पर असर पड़ा.
रिपोर्ट के मुताबिक, कंज्यूमर अप्लायंस की बिक्री इस बार सुस्त रही. कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एरिक ब्रगैंजा ने कहा कि ग्रोथ रेट आधे से भी कम होकर पांच-छह प्रतिश पर आ गया.