FMCG growth: भारत के उपभोक्ता वस्तुओं के बाजार यानी एफ़एमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) में एक साल पहले की तुलना में इस साल अक्टूबर में 21% की वृद्धि हुई है. दरअसल यह वृद्धि पैकेज्ड फूड, कमोडिटीज और अन्य उत्पादों में अत्याधिक बिक्री के कारण आई. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार बिज़ोम की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी श्रेणियों में 13% और 35% के बीच वृद्धि हुई, लेकिन होम केयर में 8% की गिरावट दर्ज की गई है.
मोंडेलेज इंटरनेशनल के भारत के अध्यक्ष दीपक अय्यर ने कहा, हमारे लिए यह बहुत अच्छा त्योहारी सीजन था. अभी भी उपभोक्ता सकारात्मक हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद टीकाकरण में भी तेजी आई है, बढ़ती महंगाई के दबाव के बीच कंपनियां कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर हैं. पिछले एक साल में पाम, क्रूड और चाय की कीमतों में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है जबकि पैकेजिंग सामग्री की कीमतों में भी पिछले वर्ष की तुलना में 30-35% की वृद्धि हुई है.
बिज़ोम के अनुसार, कमोडिटी प्रोडक्ट में सबसे अधिक 35% की और पेय पदार्थों में 22% की वृद्धि हुई है. अक्षय डिसूजा ने कहा, त्योहारों के मौसम में घरों में मिठाइयों और सेवोरीज् प्रोडक्ट की भरमार होने के कारण खाद्य तेलों की मांग में मजबूत रही. वहीं तेल की बढ़ी हुई कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क में कटौती की जिसके चलते कीमतें कुछ हद तक कम देखी गईं.
अधिकांश कंपनियों ने अपनी तिमाही आय की घोषणाओं में बताया कि कोविड की लहर कम होने के बाद शहरों में मांग बढ़ी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में कमी आई है. गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक सुधीर सीतापति ने पिछले हफ्ते निवेशकों से कहा था कि पहले कोविड लॉकडाउन में शहर बंद थे लेकिन ग्रामीण इलाकों में कारोबार जारी था. जब मैं डेटा को देखता हूं, तो मुझे ग्रामीण क्षेत्र धीमा नहीं दिखता है, भले ही वैकल्पिक रूप से ग्रामीण संख्या कम हो.
बिज़ोम के अनुसार, सितंबर की तुलना में किराना स्टोरों की संख्या में 2% की कमी के बावजूद पिछले महीने एफएमसीजी की बिक्री में 5.4% की वृद्धि हुई है. शहरों में जहां 6% की वृद्धि हुई, वहीं गांवों में अक्टूबर में 5% की वृद्धि हुई, हालांकि, कंपनियां अभी भी ग्रामीण बाजार को लेकर उत्साहित हैं, जो वृद्धि को बढ़ावा दे रही हैं.