दिवाली पर मिलने वाले महंगे गिफ्ट, कहीं आपकी खुशियों को न कर दें कम, देना पड़ सकता है टैक्स

गिफ्ट किस तरह का है और किसे मिल रहा है, उसके हिसाब से लगने वाला टैक्‍स अलग-अलग होता है. गिफ्ट लेने वाले को टैक्स भरना होता है, देने वाले को नहीं.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 25, 2021, 04:40 IST
Expensive gifts you get on Diwali, don't reduce your happiness, may have to pay tax

image: Pixabay, गिफ्ट को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्‍शन 56 (2) में शामिल किया है.

image: Pixabay, गिफ्ट को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्‍शन 56 (2) में शामिल किया है.

दिवाली बस कुछ ही दिन दूर है. दिवाली के दौरान गिफ्ट एक्सचेंज करना बहुत आम बात है. लेकिन ये गिफ्ट एक बुरे सपने में बदल सकती हैं यदि आप उन पर लगने वाले टैक्स के बारे नहीं जानते हैं. दरअसल में आपको अपने दिवाली गिफ्ट पर भारी टैक्स चुकाना पड़ सकता है. इसलिए Money9 आपको दिवाली गिफ्ट पर लगने वाले टैक्स के बारे में जानकारी दे रहा है.

नियम

कैश गिफ्ट से लेकर सोने और चांदी के सिक्के या किसी दूसरी महंगी गिफ्ट पर टैक्स लग सकता है. कोलकाता के एक IT एक्सपर्ट अरविंद अग्रवाल ने कहा कि कई लोग ये नहीं जानते हैं कि गिफ्ट पर टैक्स लग सकता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2) के तहत, एक साल के दौरान मिलने वाले गिफ्ट्स पर ‘दूसरे सोर्स से इनकम’ के तहत स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. लेकिन गिफ्ट पर लगने वाले टैक्स नियम गिफ्ट किस तरह का है और किसे मिल रहा है, उसके हिसाब से अलग-अलग होते हैं. बता दें कि गिफ्ट रिसीव करने वाले को टैक्स भरना होता है, देने वाले को नहीं.

पर्सनल गिफ्ट

अग्रवाल ने कहा कि यदि एक साल के दौरान मिले सभी गिफ्ट की टोटल वैल्यू 50,000 रुपये से ज्यादा है, तो आपको गिफ्ट पर टैक्स का भुगतान करना होगा. यदि टोटल अमाउंट 50,000 रुपये या उससे कम है, तो यह टैक्स-फ्री है.
हालांकि अगर टोटल वैल्यू इससे एक रुपये भी ज्यादा है, तो पूरी रकम पर नियम के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. लेकिन इसके लिए रिसीवर को अपनी बुक में उसे गिफ्ट के रूप में डिक्लेयर करना होगा. तभी इसे वैल्यू के आधार टैक्सेबल माना जाएगा या फिर नहीं. ज्‍वैलरी और शेयरों के मामले में उनकी फेयर मार्केट वैल्यू टैक्स के दायरे में आती है.

छूट

अगर आपको किसी करीबी रिश्तेदारों से गिफ्ट मिलता है, तो यह टैक्स के दायरे में नहीं आएगी. रिश्तेदारों से प्राप्त गिफ्ट टैक्स फ्री हैं. रिसीवर का पति या पत्नी, भाई या बहन, पति या पत्नी का भाई या बहन, माता-पिता या सास-ससुर में से किसी का भाई या बहन, कोई भी वंशज, पति या पत्नी का कोई वंशज, ऊपर बताए व्यक्तियों का पति या पत्नी सभी IT एक्ट के अनुसार रिश्तेदार हैं.

अग्रवाल ने कहा कि इनमें से किसी भी व्यक्ति से मिले गिफ्ट पर टैक्स से छूट दी जाती है चाहें गिफ्ट किसी भी तरह का हो और उसकी कितनी भी कीमत हो. चूंकि दोस्तों को रिश्तेदार नहीं माना जाता है, इसलिए उनसे मिलने वाली गिफ्ट पर टैक्स लगता है.

प्रोफेशनल गिफ्ट

कई कॉरपोरेट कंपनियों के बीच दिवाली के दौरान अपने एम्प्लॉई को कुछ गिफ्ट देना आम बात है जैसे कार या विदेश यात्रा या कुछ मामलों में, रियल एस्टेट का एक टुकड़ा भी गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है.

अग्रवाल ने मनी 9 को बताया कि आमतौर पर ये एम्प्लॉई वेलफेयर के लिए होते हैं और टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं. अगर वो कस्टमर्स को कुछ गिफ्ट देते हैं, तो वो उन्हें सेल्स प्रोमोशन के रूप में कैटिगराइज करते हैं, जो टैक्स से फ्री है. लेकिन अगर इन्हें ‘गिफ्ट’ माना जाता है, तो कॉस्ट 50,000 रुपये से ज्यादा होने पर प्रोडक्ट पर इनकम टैक्स लगाया जाएगा.

Published - October 25, 2021, 04:40 IST