दिल्ली समेत देशभर के व्यापारी शादी के मौजूदा सीजन में कारोबार में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए हुए हैं. शादी का सीजन 15 जनवरी से शुरू हो चुका है और यह 15 जुलाई 2024 तक चलेगा. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट के द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक मौजूदा शादी के सीजन में देशभर में करीब 42 लाख शादियां होने का अनुमान है. सर्वे में बताया गया है कि शादियों से जुड़ी खरीदारी और सेवाएं के माध्यम से करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.
कैट के मुताबिक शादियों के सीजन का भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद देश के भीतर डिस्टिनेशन वेडिंग ने सभी प्रकार की शादियों के बीच लोकप्रियता हासिल की है. कैट के प्रेसिडेंट बी सी भरतिया और सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया है कि अकेले दिल्ली में शादियों के सीजन में 4 लाख से ज्यादा शादियां होने की उम्मीद है जिससे तकरीबन 1.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है. पिछले साल शादियों के सीजन में 14 दिसंबर तक देशभर में 35 लाख शादियां हुई थी और 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक शादियों के सीजन के दौरान करीब 5 लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये और करीब 10 लाख शादियों में प्रत्येक पर करीब 6 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसके अतिरिक्त 10 लाख शादियों में प्रति शादी 10 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसके बाद 10 लाख शादियों में प्रति शादी 15 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसके अलावा 6 लाख शादियों में प्रत्येक पर 25 लाख रुपये, 60 हजार शादियों में प्रति शादी 50 लाख रुपये और 40 हजार शादियों में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने की उम्मीद है. कुल मिलाकर इस 6 महीने की अवधि के दौरान बाजारों में शादी से संबंधित खरीदारी के जरिए करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का प्रवाह होने का अनुमान है. गौरतलब है कि शादियों के सीजन के जरिए सेवा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार का अवसर भी मिलता है.