कोरोना महामारी के कुछ हद तक थमने के बाद अब हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर में हायरिंग में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे पूरी तरह से रिबाउंड होने में 2023 तक का समय लग सकता है. कोरोना संक्रमण की वजह से टूरिज्म समेत कई सारे सेक्टर पूरी तरह से ठप हो गए थे. कई लोगों की नौकरियां चली गई थी. हालांकि अब इकोनॉमी में रिकवरी के साथ ज्यादातर सेक्टरों में हायरिंग बढ़ी है. हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल इंडस्ट्रीज में भी हायरिंग में लगातार तेजी देखी जा रही है.
ग्लोबल रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट माइकल पेज इंडिया के प्रोपराइटरी डेटा से प्राप्त जानकारी और तथ्यों पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में जॉब हायरिंग साल-दर-साल के आधार पर करीब 38 प्रतिशत बढ़ी है. टेक्नोलॉजी सेक्टर ने इसमें लीड किया है. ट्रैवल, टूरिज्म और रिटेल सेक्टरों में बहुत अधिक सुधार नहीं देखा गया, लेकिन हायरिंग शुरू हो गई है. इस सेक्टर से जुड़े एक एक्सपर्ट ने बताया कि मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरु और चेन्नई सहित छह महानगरों में मुख्य रूप से हायरिंग बढ़ी है. इसके अलावा, पुणे, अहमदाबाद और जयपुर में भी इस सेक्टर में हायरिंग में उछाल देखा गया है.
देश में एक यूनिफॉर्म ट्रेवल गाइडलाइन भी जल्द ही लागू होने की उम्मीद है, जो देश के भीतर यात्रा को और आसान बनाएगा. अधिकांश राज्यों ने दूसरी लहर के बाद अपने हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर को फिर से खोल दिया है. राज्य सरकारें और टूरिज्म बोर्ड कोरोना की दूसरी लहर के बाद इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं. अधिकांश राज्यों के लिए टूरिज्म एम्प्लॉइज और अन्य लोगों को वैक्सीनेट करना सर्वोच्च प्राथमिकता है. उदाहरण के लिए, केरल सरकार प्रमुख पर्यटन स्थलों को पर्यटकों के लिए पूरी तरह से ‘सुरक्षित’ बनाने की योजना बना रही है. राज्य का विथिरी इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बन गया है.
बीते दिनों सरकार की ओर से शेयर किए गए आंकड़ों में बताया गया था कि महामारी के कारण टूरिज्म इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान होने का अनुमान है. अप्रैल 2020-दिसंबर 2020 के बीच इस क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 21.5 मिलियन लोगों ने अपनी नौकरी खो दी. राज्यसभा को एक लिखित जवाब में पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया था कि लॉकडाउन लागू होने के बाद टूरिज्म सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियां चली गई.
मंत्री ने कहा था, ‘Q1 के दौरान लगभग 14.5 मिलियन नौकरियां, Q2 के दौरान 5.2 मिलियन और Q3 के दौरान 1.8 मिलियन नौकरियां चली गई.’ रेड्डी ने बताया कि यह इस क्षेत्र को हुए नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की ओर से की गई स्टडी की फाइंडिंग्स में से एक है.